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अजय माकन ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के झगड़े की खोली पोल, बोली ये बात नहीं करूंगा ये काम
जयपुर: राजस्थान में सियासी संकट और सीएम पद के लिए जारी खींचतान पर अजय माकन ने रिएक्ट किया है। उन्होंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) के बीच झगड़े का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया। दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और मैं बतौर ऑब्जर्वर जयपुर आए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक सीएम गहलोत से पूछकर उनकी अनुमति से और सहमति से रखा गया। उन्होंने कहा कि सीएम आवास पर शाम 7 बजे यह मीटिंग रखनी है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जो विधायक नहीं आए, उनको हम लोग लगातार कह रहे हैं कि हम वन टू वन सभी की बात सुनने के लिए तैयार हैं। खड़गे जी और मैं अलग से बैठकर सभी की बात सुनेंगे। उनको ये भी कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हो रहा है।
कांग्रेस विधायकों ने रखी तीन शर्तें
अजय माकन (Ajay makan) बोले कि हमने विधायकों से साफ कहा कि आप जो भी बात कहेंगे उसे हम दिल्ली जाकर बताएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सभी की बात सुनकर हरेक से वन टू वन बात करने को तैयार हैं। उसके बाद शांति धारीवाल, डॉक्टर जोशी और प्रताप खाचरियावास तीनों विधायक उनके नुमाइंदे के रूप में हमारे पास आए और उन्होंने तीन शर्तें रखीं। सबसे पहले विधायकों ने कहा कि बेशक अगर आपको प्रस्ताव पास करना है कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ने का, तो बेशक करें। उसका फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए। ऐसे में हमने कहा कि अगर अशोक गहलोत खुद कह चुके हैं कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार हैं। अभी वह राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर अध्यक्ष को फैसला लेने का प्रस्ताव होगा तो अगर गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो वह अपने ही प्रस्ताव पर खुद ही बतौर अध्यक्ष फैसला लेंगे। इससे बड़ा कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट कुछ नहीं होगा। इसलिए आप इसको मत करिए। इसपर उन्होंने कहा कि आपको पब्लिकली कहना होगा कि बेशक आज प्रस्ताव पास होगा लेकिन वह 19 अक्टूबर के बाद लागू होगा।
माकन ने कहा कि जब हमने कहा कि वन टू वन बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि हम ग्रुप्स में आएंगे। हमने कहा कि कांग्रेस की हमेशा से प्रथा रही है कि हम वन टू वन बात करते हैं। ताकि विधायक स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सके। तीसरी बात उन्होंने कहा कि 102 विधायक उस वक्त अशोक जी के प्रति वफादार थे, उनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। सचिन पायलट या उनके ग्रुप्स से किसी को नहीं बनाया जाना चाहिए। हमने कहा कि जब हम एक-एक करके सबसे मिलेंगे तब आपकी भावना और एक-एक विधायकों की राय कांग्रेस आलाकमान को बताई जाएगी। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत से बात करके फैसला लेंगी। इसलिए किसी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि आपकी भावना ऊपर तक नहीं जाएगी। लेकिन वे लोग लगातार आग्रह करते रहे कि ये तीनों बातें रिजोल्यूशन का हिस्सा हो।
'प्रस्ताव एक लाइन का होता है, शर्तों पर नहीं'
माकन ने कहा कि हमने उनसे साफ तौर से कहा कि कांग्रेस के इतिहास में कभी शर्त लगाकर रिजोल्यूशन नहीं होता है। रिजोल्यूशन एक लाइन का होता है और कांग्रेस अध्यक्ष को सारी बातों की जानकारी दी जाती है। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष फैसला लेते हैं। कांग्रेस में कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं होना चाहिए कि आज रिजोल्यूशन पास कराइए और कल बतौर अध्यक्ष आप उसी रिजोल्यूशन पर फैसला लें। कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट बताकर हमने और मल्लिकार्जुन जी ने उन्हें मना कर दिया है। हमने साफ कर दिया है हम एक-एक से बात करेंगे और सबकी भावना का ख्याल रखते हुए फैसला लेंगे। इतना कहकर हमलोग उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वे लोग नहीं आए। अब मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली जा रहे हैं। सारी रिपोर्ट हम लोग कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे।
अजय माकन ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी यह साफ नहीं है कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ मिल बैठकर बात करेंगे। इसके बाद आगे का रास्ता निकलेगा। शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की मीटिंग बुलाए जाने पर माकन ने कहा कि प्राथमिक रूप से यह अनुशासनहीनता है। जब एक आधिकारिक मीटिंग बुलाई गई है, उसी के समांनतर कोई अनऑफिशियल मीटिंग बुलाई गई है तो यह प्राथमिक दृष्टि से अनुशासनहीनता है। देखेंगे इसपर आगे क्या कार्रवाई करते हैं।