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सचिन पायलट के साथ साथ अब गजेंद्र सिंह शेखावत गहलोत के निशाने पर
कांग्रेस की राजस्थान की राजनीति में जहां एक और सचिन पायलट और अशोक गहलोत का टकराव रुकने का नाम नहीं ले रहा है वहीं अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी गहलोत के निशाने पर दिखाई पड़ रहे हैं! गहलोत और पायलट की राजनीतिक दूरियां साडे चार साल से जारी है वही भले ही गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत की राजनीतिक कश्मकश खुलकर अब सामने आ रही हो मगर इसकी शुरुआत तब ही हो गई थी जब गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में पराजित किया था।।
लेकिन मामला तब बढ़ गया जब गहलोत ने संजीवनी कॉपरेटिव बैंक के मामले में शेखावत पर निशाना साधा इसी बीच गजेंद्र शेखावत ने गहलोत द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर मानहानि का दावा तक पेश कर दिया। उस वक्त शायद शेखावत का नाम एस ओ जी की जांच में नहीं था। अब एसओजी की जांच में शेखावत का नाम सामने आने पर गहलोत ने शेखावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर डाली। उधर शेखावत ने चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में अपने भाषण में कहा, था की ''राजस्थान में राजनीति के इस रावण अशोक गहलोत को समाप्त करना चाहते हो तो भुजाएं उठाओ और राजस्थान में राम राज्य की स्थापना के लिए संकल्प कीजिए.'' और शेखवत के इसी भाषण को लेकर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने चित्तौड़गढ़ के सदर थाने में शेखावत के खिलाफ मानहानि के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई है। यही नहीं गहलोत ने खुद ने भी शेखावत के खिलाफ कई सबूत होने की बात कहते हुए कहा कि और सबूत की जरूरत हो तो मेरे पास आ सकते हैं ,इससे स्पष्ट है कि शेखावत के विरुद्ध गहलोत के पास सबूत है।
(कांग्रेस में क्या) राजस्थान कांग्रेस में भी पायलट ने अभी भी अपनी आवाज को कायम रखते हुए प्रभारी सहित आलाकमान को भी बार-बार कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। लेकिन पिछले 24 घंटे में एक नया मोड़ उस समय आकर खड़ा हो गया जब कल पायलट ने सीपी जोशी से डेढ़ घंटे मुलाकात की थी जिसके तुरंत बाद कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी जोशी के घर जाकर उनसे मुलाकात की। रंधावा ने भले ही कैबिनेट में फेरबदल होने की बात से इंकार कर दिया हो लेकिन आज रविवार को भी रंधावा ने सीपी जोशी से एक बार फिर मुलाकात की इन मुलाकातों पर सचिन के समर्थक कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने कहा कि राजस्थान में कुछ नया होने वाला है।
हांलांकि प्रमोद कृष्णन ऐसे बयान पहले भी दे चुके हैं लेकिन रामेश्वर डूडी का नोखा में किसान सम्मेलन, सीपी जोशी से रंधावा सहित पायलट की मुलाकात के बाद जो महक निकल कर आ रही है उससे कई अटकलें लगाई जा रही है। भले ही सचिन पायलट ने जोशी की मुलाकात को यह कह कर टाल दिया हो कि वह जोशी द्वारा खोले के हनुमानजी में दी गई सवामणी मैं शामिल नहीं होने के चलते उनसे मिलने गए थे लेकिन जोशी से मुलाकात के बाद फिर से उनका दिल्ली जाना कहीं ना कहीं कुछ तो संकेत देता ही है। देखने वाली बात यह होगी कि क्या विधानसभा चुनाव तक भी यह लुका छुपी का खेल ऐसे ही खेला जाता रहेगा!