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भाजपा और कांग्रेस में नेतृत्व की कसमकस के बीच केजरीवाल तेरह मार्च को जयपुर में ठोकेंगे ताल
रमेश शर्मा: राजस्थान प्रदेश में इसी माह के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक और जहां भाजपा और कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान और शक्ति परीक्षण पर अभी तक विराम नहीं लगा पाई है। कांग्रेस मैं जहां रायपुर अधिवेशन के दौरान भी राजस्थान के सियासी संकट पर कोई निर्णय नहीं हो पाया वहीं भाजपा में भी बजाएं खींचतान रुकने के अब खुले आम शक्ति परीक्षण के मुकाम तक पहुंच चुकी है।
यह बताने की जरूरत नहीं कि जहां भाजपा संगठन भाजयुमो के माध्यम से पेपर लीक मामले को लेकर दो दिन बाद 4 मार्च को विशाल पैमाने पर विधानसभा का घेराव करने का एलान कर चुकी है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्मदिन की 4 मार्च को सालासर धाम पर आयोजित होने की जबरदस्त तैयारियां चल रही है। यह बात अलग है कि वसुंधरा राजे हर वर्ष 8 मार्च को अपना जन्मदिन मनाती आ रही है। इस बार यह कार्यक्रम होली पर्व को लेकर 4 मार्च के दिन आयोजित हो रहा है।
दोनों का ही आयोजन अपने अपने मिशन को लेकर होने जा रहा है मगर इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी स्वीकार किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।। ऐसा नहीं हो सकता की भाजयुमो ने संगठन के सक्षम पदाधिकारियों की स्वीकृति के बिना ही घोषित कर दिया हो। ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं की संगठन के पदाधिकारी अब इसे निर्णायक परीक्षा मान कर देख रहा हो। ठीक इसके विपरीत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही उनके सहयोगी और उनकी सरकार केे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी और त्यागपत्र के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर दुविधा में पड़े हो लेकिन इन सबके बीच 13 मार्च को राजस्थान में एक बड़ी सभा करने का कार्यक्रम बना चुके हैं।
राजस्थान में पिछले लंबे समय से आप पार्टी की कमान संभाल रहे विनय मिश्रा ने बाकायदा इस बाबत जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से घोषणा भी की है उन्होंने इतना भी कहा कि राजस्थान में आप पार्टी के चार लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं। विनय मिश्रा का यह भी कहना ह की दिल्ली में अन्ना हजारे के समय में किए गए आंदोलन मैं राजस्थान से भी काफी लोगों की भूमिका रही थी ऐसे में यह माना जा रहा है कि दिल्ली मॉडल को राजस्थान में भी अपनाने का ऐलान किया जा सकता है। देखने वाली बात यह होगी कि 4 मार्च को भाजपा के दोनों कार्यक्रमों में क्या कुछ सामने निकल कर आता है वही आप पार्टी के राजस्थान में विधिवत रूप से चुनावी उद्घोष का कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद क्या अब कांग्रेस पार्टी गहलोत और पायलट की गुट बाजी को समाप्त करने के लिए गंभीरता से कोई कदम उठाएगी!