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तीन माह में दूसरी बार अमित शाह आदिवासी क्षेत्र में, इसी माह राहुल भी आए थे मानगढ़ धाम!
विधानसभा चुनाव के मध्य नजर क्या कांग्रेस और क्या बीजेपी दोनों ही दल जाति के आधार पर एक ही क्षेत्र में कई विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाने की कोशिश में यात्रा दर यात्रा का कार्यक्रम बनाए हुए है। विशेष रूप से भाजपा भरतपुर संभाग और उदयपुर संभाग पर ज्यादा जोर दे रही है दोनों ही संभाग में लगभग 25 से अधिक विधानसभा सीट प्रभावित करने वाली होती है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को भरतपुर संभाग में अधिक सफलता नहीं मिल पाई।
जिसको लेकर जिसको लेकर अमित शाह से लेकर खुद जेपी नड्डा और चंद्रशेखर जैसे भाजपा की सीट नेता भरतपुर संभाग में कई विजिट कर चुके हैं। जहां तक बात करें केंद्रीय मंत्री अमित शाह की तो कल ही हुए गंगापुर सिटी आए थे जहां उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव मैदान में उतरकर दो-दो हाथ करने की चुनौती दी थी। और अब अमित शाह 3 माह के अंदर अंदर दोबारा फिर उदयपुर संभाग के दौरे पर आ रहे है।
उदयपुर संभाग अब बांसवाड़ा को संभाग बना दिया जाना भी आदिवासियों को अपने पक्ष में करने का ही अशोक गहलोत का स्टंट रहा है। वैसे भी वैसे भी 9 अगस्त को राहुल गांधी बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम आए थे जहां उन्होंने आदिवासी दिवस पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था। इसी तरह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी तीस जून को 30 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उदयपुर आए थे, और अब 3 सितंबर को अमित शाह आदिवासियों के आस्था के केंद्र बेणेश्वर आ रहे हैं।
हालांकि अमित शाह परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करने के लिए आ रहे हैं लेकिन राहुल गांधी और अमित शाह की यात्रा पर गंभीरता से नजर डाली जाए तो इन यात्राओं का संबंध आने वाले विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के लोगों को अपनी और प्रभावित करना है। जिसका मूल कारण यह हो सकता है की यहां 16 विधानसभा की सीटें प्रभावित करने वाली है। यह वह सीटें हैं, जो एसटी आरक्षित हैं। इन सीटों पर 70% जनसंख्या जनजातीय है। यानी हार और जीत इन्हीं के हाथ में हैं। और यही मुख्य कारण है कि क्षेत्रीय ट्राइबल पार्टी के अलावा भाजपा और कांग्रेस इन सीटों अपने पक्ष में करने के लिए कोई तो कसर नहीं छोड़ना चाहती है।