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गहलोत सरकार का बड़ा फैसला: वापस लिया एक महीना पुराना आदेश, श्रमिकों में दौड़ी ख़ुशी की लहर
जयपुर. लॉकडाउन-4 में धीरे-धीरे दी जा रही छूट के तहत अब श्रमिकों को भी काफी राहत दी गई है. अशोक गहलोत सरकार ने श्रमिकों के कामकाज की अवधि भी 12 घंटों से घटाकर 8 घंटे कर दी है.
श्रम, कारखाना एवं बॉयलर राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि कि राज्य में COVID-19 की रोकथाम के लिए सभी पंजीकृत कारखानों में कर्मचारियों की आवश्यकता को कम करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों उनके काम के घंटों को 8 घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे प्रतिदिन करने की अनुमति दी थी. उसे अब वापस लेते हुए उनके कार्य की अवधि को फिर से 8 घंटे प्रतिदिन कर दिया गया है.
कारखाना एवं बॉयलर मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से कारखाना अधिनियम-1948 के तहत वयस्क कर्मकारों के कार्य समय के प्रावधानों में गत 24 अप्रैल को एक आदेश द्वारा काम के घंटे बढ़ाने की छूट दी गई थी. इसमें कर्मचारियों की आवश्यकता को कम करने के लिए राज्य सरकार ने उनके कार्य अवधि 8 घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी थी.
अब पास की भी जरूरत नहीं है
कारखाना एवं बॉयलर मंत्री जूली ने बताया वर्तमान में कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी कारखाने संचालित किए जा रहे हैं. ग्रीन और ऑरेंज जोन के अधिकतर इलाकों में सार्वजनिक परिवहन चालू हो गया है. श्रमिकों का आवागमन भी चालू हो गया है. इसलिए अब श्रमिकों को पास की भी आवश्यकता नहीं है. ये आदेश सभी जोन में लागू होंगे.
गाइडलाइन का पालन
बकौल जूली, भारत सरकार/राजस्थान सरकार की ओर से COVID-19 के बचाव के लिए दिए गए निर्देशों/गाइडलाइन जैसे सामाजिक दूरी, मास्क पहनकर कार्य करने आदि का पालन कारखाना प्रबंधन और वहां कार्यरत श्रमिकों द्वारा किया जा रहा है. श्रमिकों को COVID-19 के प्रभावों एवं उसके बचाव की पूर्ण जानकारी हो चुकी है. वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और सामान्य होने की ओर अग्रसर हो रही है.