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राजस्थान में भाजपा के दो मुख्यमंत्री हुए हैं, पार्टी दोनों को बुरी तरह कर रही है अपमानित
राजस्थान में भाजपा के दो मुख्यमंत्री हुए हैं और अब पार्टी दोनों को या उनके परिवारों बुरी तरह अपमानित कर रही है। कारण किसी को नहीं पता। पूर्व CM वसुंधरा राजे को तो पूछ ही नहीं रही है। शेखावत के दामाद को भी टिकट देने से इनकार कर दिया। शेखावत की एकमात्र संतान उनकी पुत्री रतन कंवर के पति नरपत सिंह राजवी प्रशासनिक अधिकारी थे। शेखावत के कहने से नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। राजवी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक हैं।
राजवी ने इसे शेखावत के साथ धोखा बताया है। शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास पहले ही कांग्रेस में जा चुके हैं। BJP के पुराने लोगों में इस बात को लेकर बहुत दुख और आश्चर्य कि जिन भैरोंसिंह ने राजस्थान में पार्टी खड़ा करने में सबसे ज्यादा योगदान दिया उनके परिवार वालों को ही अब अपमानित किया जा रहा है। शेखावत के बाद वसुंधरा का योगदान सबसे अधिक रहा मगर उन्हें तो उनके सामने ही बेइज्जत किया जा रहा है।
राजवी ने कहा है, पता नहीं मुगलों के आगे घुटने टेकने वाले और महाराणा प्रताप के खिलाफ लड़ने वाले परिवार पर पार्टी मेहरबान क्यों है ? कार्यकर्ताओं से न पहचान है न संवाद, उन्हें उतारकर पार्टी क्या हासिल करना चाहती है ? टिक्ट के बाद उनका कॉल आया था। मैंने कहा कि आप उम्मीदवार हैं, अपने हिसाब से निर्णय लें। मुझसे किसी ने बात तो नहीं की। मैं विद्याधर नगर छोड़कर दूसरी जगह क्यों जाऊं ? एक बार पार्टी के बड़े नेताओं से बात होने का इंतजार है। फिर जैसी सबकी भावना, वैसा फैसला लेंगे। सभी के मन में पीड़ा और आक्रोश है।
किससे बात करें ? चंद्रशेखर जी संगठन महामंत्री हैं। दो महीने से एक ही जवाब है- समय मिलते ही बात करेंगे। वो पता नहीं किसमें व्यस्त रहते हैं ? भैरोसिंह जी ने जीवन पार्टी की सेवा में दिया। आज उनके परिवार का तिरस्कार किया जा रहा है तो इसका पार्टी को नुकसान ही होगा। पार्टी ने उनका शताब्दी वर्ष मनाने की घोषणा की थी। 23 अक्टूबर को उनकी जयंती है। पार्टी नेता किस मुंह से उन्हें श्रद्धांजलि देंगे ?