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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खैरथल आगमन को लेकर जनता में जो उत्साह था, वह आज निराशा में बदल गया । मुख्यमंत्री ने खूब लम्बा भाषण तो दिया, लेकिन वह पूरी तरह उबाऊ था । जनता को उम्मीद थी कि गहलोत क्षेत्रीय समस्याओं के निराकरण की दिशा में अवश्य ही कोई घोषणा करेंगे । लेकिन अपनी सरकार उन उपलब्धियों को बताकर जनता को बोर करते रहे जो वह हर कार्यक्रम में बताते है ।
खैरथल कस्बे में बहुत वर्षो बाद मुख्यमंत्री का आगमन हुआ । इस क्षेत्र का दुर्भाग्य यह है कि यहां एकाध सरकारी कार्यालय के अलावा कोई सरकारी दफ्तर तक नही है । आसपास के कस्बो में महिला कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज तथा रोडवेज के डिपो और तहसील कार्यालय तक है । लेकिन खैरथल इन बुनियादी समस्याओं से वंचित है ।
नागरिकों की मांग थी कि खैरथल में ओवरब्रिज, रोडवेज का डिपो या सब डिपो, महिला कॉलेज, तहसील व अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय की स्थापना की जाए । इसके अतिरिक्त खैरथल से अलवर वाया वल्लभग्राम रोड़ की चौड़ाई व बाधा को दूर किया जाए ताकि यात्रा सुगम हो सके । लेकिन मुख्यमंत्री ने एक भी घोषणा नही करके स्थानीय लोगों को पूरी तरह निराश किया । आजकल गहलोत का भाषण ऐसा लगता है मानो कोई टेप बज रहा हो । कोई भी नवीनता नही होती । वही रटे रटाए शब्द और बीजेपी को गाली देना भाषण का प्रमुख अंश होता है ।