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आचार संहिता का काउंट डाउन: विधान सभा चुनाव आचार संहिता का काउंट डाउन शुरू, भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची को लेकर संशय बरकरार!
इस माह के अंत तक होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखकर आचार संहिता का काउंट डाउन लगभग शुरू हो चुका है। समझा जाता है कि इस सप्ताह के अंत में या फिर अगले सप्ताह की शुरुआत में चुनाव की तिथियां घोषित हो सकती है। लेकिन ठीक इसके विपरीत कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही चुनाव से दो-दो महीने पहले प्रत्याशियों की सूची घोषित करने की अपनी ही बात को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने तो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छोटी सूची भी जारी कर दी लेकिन जहां तक राजस्थान की बात है लगातार घंटे तक शीर्ष नेताओं की बैठकों के बावजूद भी सूची को लेकर संशय बरकरार है।
अमित शाह और जेपी नड्डा के जयपुर और दिल्ली में प्रत्याशियों के नाम को लेकर मैराथन बैठकों के बावजूद भी सचिया को लेकर अटकलें का बाजार भी गरम है भाजपा को लेकर कभी 39 प्रत्याशियों की सूची तो कभी 65 और कभी 69 प्रत्याशियों की सूची को लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में अंदाजी गोलियां छोडी जा रही है। सूची को लेकर यह भी चर्चाओं का दौर गरम है की एमपी की तरह राजस्थान में भी कुछ केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा में प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। जिनमें कई मंत्रियों के तो नाम भी सोशल मीडिया पर उनके विधानसभा क्षेत्र के साथ चर्चित रहे हैं। लेकिन जब तक अधिकृत तौर पर सूची जारी नहीं होती तब तक यह अटकले केवल अटकल साबित होगी।
आज भी एक सोशल मीडिया पर गुणांतर प्रत्याशियों की भाजपा की सूची दौड़ रही है जिसमें कुछ नाम चौंकाने वाले हैं इन्हीं चौंकाने वाले नाम में मसूदा विधानसभा क्षेत्र से खरवा के पूर्व सरपंच प्रेम सिंह रावत का नाम भी शामिल किया हुआ है। 2 दिन पहले भी एक चैनल पर भाजपा के 39 प्रत्याशियों के नाम पर मोहर लगना बाकी बताया गया था। राजनीति से जुड़े कुछ धुरंधरों का कहना है कि पार्टी द्वारा खुद ही ऐसे नाम के सगूफे छोड़े जा रहे हैं। जिससे उन नाम पर विरोध की स्थिति सामने आ सके। जो कुछ भी हो जब तक अधिकांश सूची जारी नहीं होगी इस तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहेगा। यह सामान्य बात है जो हर चुनाव में इसी प्रकार गुणा भाग से अटकलें गर्म करती रहती है। जहां तक कांग्रेस का प्रश्न है अभी तक तो सूची को लेकर कुछ रुझान के सामने नहीं आ पा रहा है।
दिल्ली में अभी तक कांग्रेस की कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है ठीक इसके विपरीत जयपुर में जरूर बैठकों का दौर जारी है। आज भी चुनाव मुख्य प्रभारी मधु सदन मिस्त्री पीसीसी कार्यालय में सचिवों की एक बैठक ले रहे हैं जिसे टिकट से संबंधित तो नहीं कहा जा सकता हां चुनाव के लिए तैयारी के दिशा निर्देश को लेकर लिए बैठक हो सकती है। शिक्षा मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने आज अपने गृह क्षेत्र में मीडिया से कहा कि सूची तैयार जारी होना बाकी है।
लेकिन ऐसा इसलिए नहीं लगता चूंकि न तो अशोक गहलोत और नहीं सचिन पायलट तथा डोटासरा की अभी तक दिल्ली में खड़गे या गांधी परिवार से कोई मुलाकात नहीं हुई है। जो भी हो दोनों ही पार्टियों की सूची जारी करना चुनौती बना हुआ है। भाजपा तो राजस्थान के चक्कर में इतना व्यस्त हो गई है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की दूसरी सूची भी रुकी हुई है। देखने वाली बात ही होगी कि आचार संहिता पहले लागू होती है या राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों की आंशिक सूची जारी होती है!