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आरपीएससी की दिनो दिन गिरती प्रतिष्ठा, डॉ भूपेंद्र सिंह को बन सकते है राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष
महेश झालानी
राजस्थान लोक सेवा आयोग आज भ्रस्टाचार और लूटखसोट का पर्याय बनकर रह गया है । अपने अनियमित भ्रस्ट क्रियाकलापो के कारण यह देश भर में कुख्यात होगया है । भर्ती करने में आयोग असफल और नकारा सिद्ध हो रहा है । इसके अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने केवल टाइम पास किया है । इनके कार्यकाल में आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल होकर रह गई है ।
ज्ञात हुआ है कि आयोग की छवि को मांजने की गरज से वर्तमान डीजी डॉ भूपेंद्रसिंह यादव को राजस्थान लोक सेवा का अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है । वर्तमान अध्यक्ष दीपक उप्रेती अगले माह सेवानिवृत होने जा रहे है । इस पद के लिए पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता तथा एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी के नामो की भी चर्चा है ।
गुप्ता बजाय लोक सेवा आयोग के, मुख्य सूचना आयुक्त बनने के ज्यादा इच्छुक है । वैसे भी उनकी पत्नी वीनू गुप्ता जयपुर में एसीएस पद पर कार्यरत है । ऐसे में वे अजमेर जाएंगे, इसकी संभावना कम नजर आती है । आलोक त्रिपाठी और भूपेंद्र सिंह दोनो की बेहतर छवि है । एसीबी में रहते हुए त्रिपाठी ने बहुत उल्लेखनीय कार्य किया है ।
जहाँ तक डॉ भूपेंद्रसिंह का सवाल है, इनकी छवि एक ईमानदार और स्वच्छ अफसरों में शुमार है । डीजी से ज्यादा ये लोक सेवा आयोग में सफल हो सकते है । आयोग की बिगड़ती प्रतिष्ठा को थामने के लिए भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति काफी कारगर सिद्ध हो सकती है । भूपेंद्रसिंह का कार्यकाल अगले साल जून तक है । अगर ये आयोग के अध्यक्ष नियुक्त होते है तो इन्हें करीब छह माह और कार्य करने को मिल जाएंगे । तब इनकी सेवानिवृति दिसम्बर, 21 में होगी । डॉ भूपेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के काफी विश्वस्त अफसर माने जाते है ।
अगर भूपेंद्र सिंह आयोग में नियुक्क्त होते है तो इनके स्थान पर एमएल लाठर अथवा बीएल सोनी को नियुक्क्त किया जा सकता है । वैसे वरिष्ठता के हिसाब से 87 बैच के टोंक निवासी राजीव दासोत सबसे ऊपर है । लेकिन इनको डीजीपी नियुक्क्त करने की संभावना कम नजर आती है । टोंक निवासी होना इनकी नियुक्ति में सबसे बड़ी अड़चन साबित हो सकती है ।
जाटो को खुश रखना सरकार की विवशता है । अगर इसी परंपरा का निर्वहन किया गया तो एमएल लाठर नए डीजीपी हो सकते है । इनको करीब 7 माह का समय मिल जाएगा । इनकी सेवानिवृति मई, 21 में होगी । छह माह के एक्सटेंशन मिलने पर ये एक साल तक कार्य कर सकते है ।
एक अन्य अधिकारी अक्षय कुमार मिश्रा भी 87 बैच के है । लेकिन राजनीतिक दृष्टि से इनकी कोई पहचान नही है । इसके अलावा उड़ीसा निवासी होने की वजह से इनकी डीजीपी पद पर पकड़ ढीली रहेगी । इसके बाद नम्बर आता है 88 बैच के बीएल सोनी का जो ना केवल मुख्यमंत्री के काफी निकट है । बल्कि जोधपुर के रहने वाले है । इनको डीजीपी बनाया जाता है तो पर्याप्त काम करने का अवसर मिलेगा । ये दिसम्बर, 22 को सेवानिवृत होने वाले है ।
राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्यों के भी चार पद रिक्त है । कई राजनेताओ, वकीलों के अलावा सेवानिवृत अफसर भी सदस्य बनने के लिए सक्रिय है । बदमिजाजी तथा भ्रस्टाचार के लिए कुख्यात सेवानिवृत आईएएस तो अपनी नियुक्ति पक्की मानकर चल रहे है । अगर इनकी नियुक्ति होगई तो आयोग की रही सही प्रतिष्ठा भी धूमिल होकर रह जायेगी तथा आयोग युद्ध का अड्डा बन जायेगा । मुख्य सचेतक महेश जोशी इनकी जोरदार पैरवी करने में लगे हुए है ।