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जस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कल धौलपुर दौरे के दौरान दिए गए बयान के वीडियो वायरल होने से न केवल प्रदेश में बल्कि देश के शीर्ष नेताओं में भी तूफानी हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने फिलहाल इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन राजनीतिक गलियारों में अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि किसी भी तरह से गहलोत पायलट को बर्दाश्त नहीं करना चाहते। वहीं विपक्ष ने तो 0इतना कह दिया कि जब गहलोत के पास में पैसा के लें देन की जानकारी है तो फिर उसके लिए आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज की गई।
दूसरी तरफ गहलोत ने जिन वसुंधरा राजे जी की प्रशंसा की उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जीवन में जितना अपमान गहलोत ने मेरा किया है उतना और किसी ने नहीं किया। उधर गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने ट्वीट में गहलोत को एक नंबर का झूठा करार दिया। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपने ट्वीट में जरूर गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने देश के गृहमंत्री को आरोपित करने की तोहमत उठाई है तो कृपया यह भी बता दें कि सरकार भी आपकी, गृह मंत्री भी आप ही हो तो फिर विधायकों की सारी जानकारी आपके पास होने के बावजूद भी अब आप किस बात का इंतजार कर रहे हैं।
उधर पायलट समर्थक कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने भी ट्वीट करके कहा है कि भले ही गहलोत 2020 में सचिन पायलट द्वारा की गई बगावत पर निशाना साध रहे हों लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि सीएम को करोड़ों के लेन देन की जानकारी है तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
एक ट्वीट में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा- अपनी पार्टी के "विधायकों" का इतना "सम्मान" आज तक किसी मुख्यमन्त्री ने नहीं किया होगा, जितना अशोक गहलोत जी ने अपने इस "भाषण" में किया है।
कुल मिलाकर वायरल वीडियो से यह प्रतीत होता है कि एक ही तीर से गहलोत ने कई निशाने साधे हैं। सवाल तो यह भी उठता है कि केंद्रीय गृहमंत्री और अन्य भाजपा नेताओं पर खुलेआम करोड़ों रुपए के लेनदेन का आरोप लगाने के बाद भी केंद्र की तरफ से कोई वक्तव्य अभी तक सामने आया दिखाई नहीं देता है वहीं फिलहाल न तो सचिन पायलट ने और ना ही उन विधायकों ने जो मानेसर में थे अपनी तरफ से कोई बात कही है। राजनीतिक गुरुओं का मानना है कि गहलोत किसी भी हालत में सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में बर्दाश्त नहीं करना चाहते।
कांग्रेस आलाकमान भी गहलोत के सामने शायद अपने आप को कमजोर मानती है। गहलोत का यह कहना जिन विधायकों ने करोड़ों रुपए लिया है उनको मैं एआईसीसी से वापस दिलवा दूंगा इससे तो यही लगता है कि अगर गहलोत एआईसीसी को कुछ कहेंगे तो एआईसीसी उनकी बात से इंकार नहीं कर सकती! जिस प्रकार से गहलोत ने यह कहा की गजेंद्र सिंह और धर्मेंद्र प्रधान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी और यह कह दिया कि सरकार बचाने में वसुंधरा राजे का सहयोग रहा इसका मतलब तो यह है कि वसुंधरा राजे जी को भी वह भाजपा के नेताओं के सामने लाना चाहते थे।
कुल मिलाकर गहलोत के वायरल वीडियो सहित एक बार तो राजनीति में भूचाल आ गया है देखने वाली बात होगी अब आगे कौन क्या करता है! फिलहाल गहलोत की तबीयत नासाज है और आज उन्होंने अपने सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए बताए!