गहलोत के दिल्ली जाने की चर्चा गर्म, राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन ?
महेश झालानी
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास मत तो हासिल कर लिया है। लेकिन सियासी संग्राम अभी थमता नजर नही आ रहा है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ती जा रही है कि प्रदेश में अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर उनके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति की जाजपोशी हो सकती है। यह व्यक्ति कौन होगा, फिलहाल इस पर आलाकमान के स्तर पर मंथन हो रहा है।
कांग्रेस नेतृत्व नेहरू परिवार के अलावा किसी दीगर व्यक्ति को अखिल भारतीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहता है। इसी संदर्भ में कल राहुल और प्रियंका ने बयान भी दिया था। उम्मीद की जा रही है कि अशोक गहलोत को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जाने की चर्चा है। जबकि सोनिया गांधी संरक्षक के हैसियत से रिमोट अपने पास रख सकती है।
सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को ही समाप्त हो गया था। राहुल ने कार्यवाहक अध्यक्ष का पद संभाला था। लेकिन पार्टी की लुटिया डुबोने के अलावा इनकी अन्य कोई उपलब्धि नही है। पार्टी में आज गहलोत के अलावा कोई ऐसा नेता नही है जो सर्व ग्राह्य हो। गुलाब नबी आजाद, चिदम्बरम, मल्लिकार्जुन खड़गे आदि अब पार्टी में कोई वजूद नही रखते है।
अगर अशोक गहलोत दिल्ली चले जाते है तो उनकी कुर्सी पर कौन काबिज होगा, महत्वपूर्ण सवाल यही है। अलबत्ता तो गहलोत दिल्ली जाने को राजी नही है। अगर उन्हें जबरन भेज भी दिया गया तो वे अपने ही किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद पर बैठाना चाहेंगे। गहलोत के स्थान पर शांति धारीवाल काबिज हो सकते है।
पायलट खेमा चाहेगा कि सीएम की कुर्सी पर उनका व्यक्ति काबिज हो। अशोक गहलोत को सचिन पायलट कभी स्वीकार नही होंगे। मोल भाव हुआ तो लॉटरी हेमाराम चौधरी या बीडी कल्ला के नाम पर खुलने की संभावना है। हो सकता है कि मारकाट के इस माहौल में परसादीलाल मीणा भी बाजी मार जाए। राजनीति में कभी कुछ असम्भव नही होता है।
उधर सचिन पायलट की कल टोंक यात्रा के दौरान उमड़े जन सैलाब ने गहलोत की नींद हराम कर दी है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पिछले 10 वर्षो में इतना जन सैलाब नही देखा गया। करीब सवा सौ वाहनों के काफिले ने पायलट जैसे साधारण विधायक के रुतबे में और ज्यादा इजाफा कर दिया है।
जहाँ तक राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल फेरबदल का सवाल है, कुछ दिनों के लिए प्रक्रिया टल गई गई। संभावना जताई जा रही है कि पहले प्रभारी अजय माकन जयपुर आकर दोनो पक्षों की राय जानेंगे। तत्पश्चात कमेटी के तीनों सदस्य अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन परस्पर चर्चा कर रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी जाएगी। इस बीच अशोक गहलोत के बारे में निर्णय होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री चाहे अशोक गहलोत रहे या कोई अन्य, प्रतापसिंह खाचरियावास और रघु शर्मा संकट के दायरे में आ सकते है। पायलट की पहली मांग दोनो को मंत्रिमंडल से हटाने की होगी। प्रतापसिंह ने पायलट को चड्ढीबाज कह कर अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है। रघु शर्मा को अविनाश पांडे की निकटता का दंड मिल सकता है।