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राज्यपाल कलराज मिश्र आज दे सकते है विधानसभा सत्र बुलाने की सशर्त अनुमति
महेश झालानी
राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का सत्र बुलाने की सशर्त स्वीकृति आज या कल प्रदान कर सकते है। राज्यपाल ने सरकार द्वारा भेजे प्रस्ताव को सरसरी तौर पर पढ़ लिया है और वे काफी हद तक संतुष्ट नजर आए।
राज्य सरकार द्वारा विधानसभा सत्र आहूत करने के सम्बंध में राज्यपाल को परसो एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था जिसे राज्यपाल ने 3 बिंदु उठाते हुए वापिस सरकार को भिजवा दिया था। आज सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में इन 3 बिंदुओं पर राज्यपाल को स्पस्टीकरण भिजवा दिया गया है।
राजभवन सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि राज्यपाल इस बार राज्य सरकार के स्पस्टीकरण से लगभग संतुष्ट है। हालांकि एक बिंदु से राज्यपाल अवश्य असहमत बताए जाते है। बहरहाल ! उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्यपाल कलराज मिश्र आज देर रात तक सशर्त विधानसभा बुलाने की स्वीकृति प्रदान कर सकते है।
सूत्रों ने बताया कि यदि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने की स्वीकृति प्रदान करते है तो सरकार विधायक दल की बैठक सदन में बुलाएगी। ऐसे में व्हिप जारी कर सकती है। स्वाभाविक है कि यह व्हिप बागी विधायकों पर भी लागू होगा। ऐसे में बागी विधायक बैठक में शिरकत नही करते है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाना शत प्रतिशत सम्भव है।
एक यह सवाल भी उत्पन्न होता है कि सत्तारूढ़ दल हाँ पक्ष में कोरोना के सम्बंध में किसी विशेषज्ञ को आमंत्रित कर उसका व्याख्यान भी करा सकती है । इस व्याख्यान में पार्टी के सभी विधायकों को उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया जा सकता है। अगरचे कोई बागी विधायक इस बैठक/व्याख्यान में गैरहाजिर रहता है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है ।
राज्यपाल का मानना है कि इस प्रकार कोरोना की आड़ लेकर सरकार एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश करेगी। हालांकि सरकार के प्रस्ताव में कहीं भी बहुमत सिद्ध करने का उल्लेख नही है। लेकिन इस सत्र के जरिये सरकार बहुमत सिद्ध करने के अतिरिक्त अपनी पार्टी के असंतुष्ट विधायकों पर व्हिप का चाबुक चलाकर अयोग्यता जैसी कठोर कार्रवाई भी कर सकती है ।
राज्यपाल स्वीकृति से पूर्व विधि विशेषज्ञों से अवश्य राय लेना चाहेंगे। विशेषज्ञों की राय के बाद राज्यपाल अधिसूचना पर दस्तखत कर पत्रावली आज ही सरकार को भिजवा सकते है। सत्र कब से आहूत होगा, यह अभी ज्ञात नही हुआ है। राज्य सरकार 31 जुलाई से सत्र बुलाना चाहती है।