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राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने के मूड में नही, प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की संभावना बढ़ी
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महेश झालानी
मुख्यमंन्त्री अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र आहूत करने की सिद्धांततः मंजूरी दे दी थी। तदनुसार सरकार की ओर से राज्यपाल को इस आशय का पत्र भेजा गया। लेकिन राज्यपाल ने वारंट जारी करने वाले पत्र पर यह कह कर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया कि कोरोना की वजह से सत्र बुलाना उचित नही है।
राजभवन सूत्रों ने कल रात को बताया था कि राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाने पर सहमत होगये है तथा ऑनलाइन वोटिंग कराने की भी अनुमति प्रदान कर दी है। सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच आज सुबह राज्यपाल की दिल्ली बात हुई और निर्देश मिला कि विधानसभा सत्र आहूत करने की स्वीकृति प्रदान नही करनी है। परिणामतः उसी के अनुसार राज्यपाल ने कोरोना की आड़ लेकर अपना फैसला सुना दिया है।
बताया जाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार राजस्थान की राजनीति में अब खुलकर दिलचस्पी लग रही है। रिमोट अब जेपी नड्डा के बजाय अमित शाह के हाथ मे आ गया है। शाह एक बार जो ठान लेते है, उसे पूरा करके ही दम लेते है। राजस्थान की गहलोत सरकार को अपदस्थ करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य है। बताया जाता है कि आज राज्यपाल को अमित शाह की ओर से निर्देश मिला था। केंद्र के इशारों पर कत्थक करना राज्यपालों का प्रमुख कार्य होता है। इसलिए राजनीतिक दल अपने नेताओं को राज्यपाल पद से सुशोभित करती है।
सूत्रों से पता चला है कि केंद्र ने राज्यपाल को प्रदेश की ताजा रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। इससे पहले भी 20 जुलाई को भेजी रिपोर्ट में राज्यपाल ने प्रदेश में बिगड़ती कानून और व्यवस्था का विस्तार से जिक्र किया था। इसके अलावा कोरोना के बिगड़ते हालत से भी केंद्र को अवगत कराया । राज्यपाल ने आज अंतरिम रिपोर्ट भेज दी है जो गहलोत के लिए अनिष्टकारी साबित हो सकती है ।
फिलहाल कांग्रेसी विधायको ने राजभवन से धरना समाप्त तो समाप्त कर दिया है, लेकिन जंग अभी समाप्त नही हुई है । लेकिन राज्यपाल भी विधानसभा का सत्र नही बुलाने पर अड़ गए है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी प्रबल संभावना बढ़ गई है । यह कार्य आज रात को भी हो सकता है और नही भी । कांग्रेस के कुछ लोग दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के बाहर भी धरना देने की योजना बना रहे है । लेकिन इनको बैरंग ही लौटना पड़ेगा । बहरहाल ! प्रदेश की राजनीति इतनी पेचीदा होगई है जिसके बारे में किसी प्रकार की भविष्यवाणी या कयासबाजी करना बेमानी होगा । फिलहाल सितारे गहलोत के प्रतिकूल है ।