जयपुर

राज्यपाल ने केंद्र सरकार को भेजी ये विस्फोटक रिपोर्ट, इधर सदन बुलाने का दिया निर्देश, अशोक गहलोत का क्या होगा हश्र?

Shiv Kumar Mishra
27 July 2020 10:15 AM GMT
राज्यपाल ने केंद्र सरकार को भेजी ये विस्फोटक रिपोर्ट, इधर सदन बुलाने का दिया निर्देश, अशोक गहलोत का क्या होगा हश्र?
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महेश झालानी

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश दे दिया है। राज्यपाल बोले- मेरा ऐसा कोई इरादा कभी नहीं रहा कि सत्र न बुलाया जाए. लेकिन जिस तरह बुलाया जाना जरूरी था वो प्रक्रिया गलत थी।

राज्य सरकार के रवैये से खफा राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट भेज दी है जिसमे साफ तौर पर कहा गया है कि प्रदेश में सरकार गतिशील ना होकर होटल में आमोद-प्रमोद में लिप्त है जिससे प्रदेश की कानून और व्यवस्था की चरमरा रही है। सचिवालय सूना पड़ा है और आम जनता तकलीफों से जूझ रही है । कोविड-19 के प्रति सक्रिय नही है। नतीजतन प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

राजभवन के सूत्रों से मिली इस जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में राज्यपाल ने राज्य सरकार के दबाव वाले व्यवहार पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। विभिन्न समस्याओं से घिरे अशोक गहलोत के लिए यह रिपोर्ट काफी कष्टकारी साबित हुई है। हालांकि राज्यपाल ने स्पस्ट तौर पर राष्ट्रपति लगाने का आग्रह नही किया है। लेकिन खतरनाक रिपोर्ट को भिजवाने के पीछे मंशा यही है।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र के सम्बंध में प्रारम्भ हुए पूरे एपिसोड का शुरू से लेकर ताजा स्थिति तक विस्तार से उल्लेख किया है। अपनी रिपोर्ट में राज्यपाल ने कहा है कि राज्य सरकार कोरोना की आड़ में विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राजनीतिक रूप से दबाव डाल रही है। अगर सरकार कोरोना के प्रति गंभीर है तो उसे इस प्रकार होटल को अपना ठिकाना नही बनाना चाहिए था।

राज्य सरकार वीसी के जरिये भी विधायकों से कोरोना पर चर्चा कर सकती है। इसके लिए सत्र बुलाने का औचित्य समझ से परे है। राज्यपाल ने पिछले दिनों राजभवन में हुई उधमबाजी का भी विस्तार से विवरण अपनी रिपोर्ट में किया है। राज्यपाल का मानना है कि कोरोना के इस महासंकट में राज्य सरकार को होटल से निकलकर गंभीरता के साथ इससे जूझना चाहिए।

कलराज मिश्र ने विभिन्न संगठनों एवं राजनीतिक दलों द्वारा राज्य सरकार की कोरोना के प्रति मिले पत्र और ज्ञापनों का भी उल्लेख किया है । सारे हालत लिखकर राज्यपाल ने केंद्र से यथोचित मार्गनिर्देशन मांगा है। वैसे तो केंद्र राजभवन घेराव के बाद ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की दिशा में विचार-विमर्श कर रही थी। इस विस्फोटक रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति शासन लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगया है।

उधर मुख्यमंन्त्री अशोक गहलोत द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे पत्र का जवाब भी नही भिजवाया गया है। आखिरकार आज मुख्यमंन्त्री को प्रधानमंत्री से बातचीत करनी पड़ी। उधर ज्ञापन के जरिये कांग्रेस राष्ट्रपति से न्याय की उम्मीद कर रही है।

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