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उच्च न्यायालय ने दिए सरकार को निर्देश, बन्दरो के लिए इंदिरा रसोई योजना क्यो नही ?
जब लोगो का पेट भरने के लिए इंदिरा रसोई योजना प्रारम्भ की जा सकती है तो भूख से तड़पते हुए मूक बन्दर एवं अन्य पशुओं के लिए भोजन का इंतजाम क्यो नही ? एक जनहित याचिका के माध्यम से आज यह सवाल राज्य सरकार से किया गया जिसका जवाब दो सप्ताह के भीतर देना होगा ।
कोरोना की वजह से शहर में घुस आए हजारो बन्दरो से जनित समस्या का उचित समाधान करने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा न्यायाधीश श्री प्रकाश चंद गुप्ता की खंडपीठ ने दो सप्ताह के भीतर इस समस्या का यथोचित समाधान करने का निर्देश प्रदान करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है ।
वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि गलता एवं अन्य स्थानों से पलायन कर दस हजार बन्दर भूख से व्याकुल होकर जयपुर शहर में प्रवेश कर गए है । कोविड के चलते धार्मिक स्थलों पर भक्त लोगो ने जाना बंद कर दिया है । ऐसे में बंदर भूख से तड़पने लगे है । लिहाजा धार्मिक स्थलों से पलायन कर बन्दर शहर में प्रवेश कर गए है ।
झालानी की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट डीडी खंडेलवाल ने कहाकि जब राज्य सरकार लोगों के लिए इंदिरा रसोई योजना प्रारम्भ कर सकती है तो इन मूक पशुओं की भूख को शांत करने के लिए भी सरकार को समुचित इंतजाम करने चाहिए । खंडपीठ ने याचिका की प्रति अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को याचिका की प्रति देते हुए दो सप्ताह में आवश्यक इंतजाम के साथ जवाब भी मांगा है । ज्ञातव्य है कि हजरों बन्दरो के शहर में आने से अजीब तरह का आतंक उत्पन्न होगया है ।