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मोदी मेट्रो में, गहलोत एसएमएस में, अमित शाह ने वसुंधरा का बढ़ाया मान, सचिन का मान फिर टलता दिख रहा!
अक्सर चुनाव के समय कुछ भी हो जाए कोई आश्चर्य या नई बात नहीं। चुनाव से पहले हर पार्टी या पार्टी का चेहरा बना नेता आम जन का मानस अपनी कार्यशैली से प्रभावित करने का प्रयास करता ही है। मगर देश में एक साथ दो इसी प्रकार के मामले एक साथ देखने को मिले जो मीडिया की सुर्खी में है। कल राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत अपने ही निवास पर एक कक्ष से दूसरे कक्ष में जा रहे थे ठीक उसी समय अचानक गलीचे में पांव अटक जाने से चोटिल हो गए। पैर की एक अंगुली में रक्त प्रवाह हो गया।
गहलोत चाहते तो चिकित्सकों की फौज उनके निवास सीएमआर ही पहुंच जाती, मगर गहलोत सामान्य रोगी की तरह एसएमएस पहुंचे। जहां व्हील चेयर की सहायता से आपातकालीन कक्ष में प्राथमिक उपचार कराया। एक्सरे हुआ तो दूसरे पांव में हल्का फैक्चर होना पाया। खेर उपचार के बाद अब वे चिकित्सकों की सलाह पर सीएमआर में ही विश्राम के साथ सरकारी काम भी निपटाएंगे। दूसरी तरफ आज सुबह खबर मिली की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो में सफर किया। दरअसल मोदी एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेट्रो में सफर कर रहे थे। दिल्ली मेट्रो में प्रधानमंत्री मोदी का छात्रों से संवाद भी हुआ। डी यू विश्वविद्यालय, शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल के लिए मोदी ने मेट्रो में सफर किया।
ये दोनों ही खबरें ऐसी थी जो मीडिया में सुर्खियों में रही। अब बात करते हैं भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह की। शाह अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उदयपुर पहुंचे जहां आयोजित एक सभा में भाजपा के संगठन में कुछ बदला-बदला सा नजर आया। सभा के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने उद्बोधन में जहां गहलोत सरकार को निशाने पर लिया वहीं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा जी की तारीफ की। गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में जब भाजपा की सरकार की तो वह डबल इंजन की सरकार थी लेकिन 5 सालों में गहलोत सरकार ने सब कुछ गड़बड़ कर डाली। इससे भी बड़ी बात यह रही थी जब सभा का संचालन कर रहे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जब गृह मंत्री अमित शाह को उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया तो शाह वसुंधरा की ओर इशारा कर उद्बोधन के लिए कहा, और इस तरह वसुंधरा राजे ने दी अपनी बात रख दी।
अमित शाह की उदयपुर यात्रा से यह संकेत स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चुनाव में मोदी को ही चेहरा मानते हुए प्रदेश के नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास कर रहा है। मगर ठीक इसके विपरीत लगता है सचिन पायलट को सम्मान देने के मामले में पिछले कुछ दिनों से जो खबरें मीडिया में और राजनीति गलियारों में चल रही थी उस पर भी शायद विराम लगता नजर आ रहा है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गहलोत के चोटिल होने के बाद अब वे अपने निवास पर ही रहेंगे जिसको लेकर सालासर में कल और परसों होने वाली बैठक को स्थगित हुई गई अब राहुल गांधी के मणिपुर से लौटने के बाद दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण बैठक भी टलती नजर आ रही है।
दूसरी तरफ आज ही सरकार की तरफ से 14 जुलाई से विधान सभा सत्र आहुत करने का प्रस्ताव भेजा गया है। चूंकि पिछला सत्र 21 मार्च को स्थगित हुआ था। सत्र का समापन नही हुआ था ऐसे में अब राजभवन से स्वीकृति की जरूरत नहीं होने से यह माना जा रहा है की जुलाई में विधान सभा सत्र होगा। इस तरह पायलट के मामले को लंबा खींचा जा सकता है। आज शाम होने वाली कैबिनेट बैठक में मंत्रियों से त्याग पत्र लेने की भी चर्चा है, खुद गहलोत ने भी कल ट्वीट कर लिखा था कल खुलेगा पिटारा, आज ट्वीट किया अपना मोबाइल चार्ज रखें। इन ट्वीट से भी सरगर्मी है।