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गजेंद्र सिंह शेखावत मानहानि मामले में मुख्य मंत्री गहलोत की बढ़ सकती मुश्किल, एक जून को कोर्ट में होगी सुनवाई!
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रमेश शर्मा
लगता है मई माह का अंतिम सप्ताह और जून माह का पहला दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए परेशानी भरा हो सकता है। हालांकि ये सब नेपथ्य में छुपा है। दरअसल 26 मई को कांग्रेस हाईकमान गहलोत और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान को लेकर अहम बैठक करने जा रहा है। जिसमें पहले तो आलाकमान एक दूसरे को वन टू वन का मौका देकर उनका आपसी विवाद समाप्त करने के लिए उन्ही से उनकी राय जानने का प्रयास कर सकता है। बात नहीं बनने पर आलाकमान खुद अपनी तरफ से भी कोई कठोर निर्णय ले सकता है। अगर आपसी सहमति से भी बात नहीं बनती है तो हो सकता है अब तक जिस प्रकार से गहलोत जो चाहे वह ही हो रहा था, लेकिन आलाकमान अब इंतजार नहीं करेगा।
इसी तरह से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुख्यमंत्री गहलोत पर मानहानि प्रकरण में भी जून माह की एक तारीख को ही कोर्ट में तारीख तय है जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि गहलोत को नोटिस दिया जाए या नहीं।। यह बताने की जरूरत नहीं की शेखावत ने दिल्ली पुलिस में गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा दर्ज कराया था। शेखावत के मानहानि मामले पर राउज एवन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह पता करने को कहा था की क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिकायतकर्ता गजेन्द्र सिंह शेखावत को 'आरोपी' कहकर संबोधित किया था, क्या अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी घोटाले में आरोपी है?
और तीसरा यह की क्या संजीवनी घोटाले मामले में गजेन्द्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है या वे 'आरोपी' हैं? इन तीनों बिंदुओं पर दिल्ली पुलिस में एक अतिरिक्त कमिश्नर के सानिध्य में जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब कोर्ट दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट का अध्ययन करेगा तथा यह भी निर्णय करेगा की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समन जारी हो या नहीं। पूरे मामले में कोर्ट में एक जून को सुनवाई होगी। जिसमें कोर्ट का आदेश आने के बाद ही कोर्ट के रुख का पता चलेगा। इसी बीच गहलोत द्वारा भी कोर्ट में अपनी तरफ से भी या राजस्थान सरकार द्वारा भी पक्ष रखा जा सकता है। कुल मिलाकर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान द्वारा बुलाई गई बैठक और दिल्ली कोर्ट में मानहानि प्रकरण में खुलासा होने के बाद ही सही स्थिति सामने आ पाएगी।। देखने वाली बात यह होगी कि दोनों ही महत्वपूर्ण प्रकरणों में किसके पक्ष में निर्णय आएगा। इतना जरूर है की कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान के कांग्रेस के सियासी संकट को और ज्यादा लंबा नहीं खींचेगा!