जयपुर

गहलोत सरकार के संकट मोचक बनकर उभरे महेश जोशी

Shiv Kumar Mishra
28 Sep 2020 4:39 PM GMT
गहलोत सरकार के संकट मोचक बनकर उभरे महेश जोशी
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मोहम्मद हफीज

हमारे देश में सत्ता को ही परम सत्य मानकर सत्ता सुख के परम आनंद मे तीनों लोको के आनंद की प्राप्ति की लालसा रखनें वाले लोगों की कमी नहीं है। देश के इतिहास में सत्ता सुख की प्राप्ति के लिए जीने मरने वाले शूरवीरों को जयचंद मीरजाफर के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी शासन के लिए काम करने वाले सत्ता लोभीयो को अंग्रेजी सरकार राय बहादुर खान बहादुर की उपाधि से सम्मानित करती थी जिनकी अब चर्चा कम होती है क्योंकि देश बड़े नाम वाले भी अंग्रेजों के तलवे चाटते थे जिनके नाम पर फर्जी राष्ट्रवादी आज शासन कर रहे हैं। मुट्ठी भर गोरे अंग्रेज देश पर लम्बे समय तक शासन करने में कामयाब इसीलिए हो सके थे की भारतीय समाज का बहुसंख्यक वर्ग सत्ता का लालची सुविधा भोगी रहा है। सत्ता का लालच विधर्मी मुगलों का समधी तक बना देता है नो रत्न बनना बडी बात नहीं है सत्ता और दौलत की हवश के पुजारी विश्व की भांति हमारे देश में भी हर समय पाएं जाते है। जब दिमाग में सत्ता की चमक आंखों में दौलत की हवश का लोभ होता है फिर व्यक्ती सच देखना सुनना बंद कर देता है लोक लाज सामाजिक मर्यादा को तार तार कर के इस प्रकार का व्यक्ती सत्ता के लिए ही अपना जीवन जीने का उद्देश्य बना लेता है। दुर्भाग्य से देश की राजनीति में आज लोकलाज, शुचिता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा का अभाव हो गया है और ऐसा उस समय में हो रहा जब भाजपा के धर्म पुरुष अपने झूठ के बल पर धर्म ध्वज हाथों में लिऐ धर्म अधिकारी बने हुए हैं। इन सब के लिए आज की राजनीति उत्तरदायी है जिसमें बेमेल गठजोड़ झूठ बोलने से वोट छीने जाते हैं वर्तमान भाजपा की राजनीति भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। सत्ता का आवरण व्यक्ती के अपराधिक अतीत पूजनीय बना देता है सत्ता सुख निरोगी काया पुरखों के लिए माया, धन धान्य समृद्धि का वरदान है‌। इसीलिए आज देश में सत्ता सुख प्राप्ती के साधन और साधक दोनों बदल गये है।

अब सत्ता के लिए देश में शारीरिक युद्ध के बजाय बन्द कमरों में षड्यंत्र रचे जाते हैं. देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं पुलिस, सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, आयकर विभाग में बैठे अधिकारीयों की रीढ़ की हड्डी को वैशाली की नगर वधू बनी किसी वेश्या की भांति नचाया जाकर टूटने की हद तक तोड़ा मरोड़ा जाता है तभी फिर उन्हें मलाईदार पदों पर बैठाया जाता है। सत्ता की ताकत में अपना भविष्य देखने वाले नेता अपने आप को दुनिया का भाग्यविधाता भगवान समझ लेते हैं पर ये भूल जाते हैं किराएदार है जाती मकान मालिक थोड़ी है। भय और लालच आज कि सत्ता के नापाक हथियार है जिनके बल पर हवाई जहाज का पायलट और धरती पर खेती करने वाले विधायक दोनों का ईमान जमीर निष्ठा का सौदा किया जाता है। जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार का जनमत खरीदने वालों को देश का मीडिया चाणक्य घोषित करता है इससे मीडिया की निष्ठा शरीर बेचने वाली वेश्या से भी बदतर हो गई है अमरीका के लास वैगास में एक वेश्या अपने शरीर की कीमत का टेग लगाएं अपनी कीमत का खुलासा करती हैं पर भारतीय मीडिया और भ्रष्ट अधिकारी आज पतित हो चुकी सत्ता का अंधा अनुसरण कर अपनी प्रतिष्ठा गंवा रहे हैं। वैसे भी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय चुनाव आयुक्त स्वर्गीय टी एन शेशन भारत के भ्रष्ट अधिकारियों को वेश्या की उपमा सार्वजनिक रूप से दे चुके हैं।सत्ता की लाठी से देश की जनता को हांकने और लालच से अपने गिरोह में शामिल कर सत्ता का वरण करने वाले शासन के दौर में अपने नेता अपनी विचारधारा के प्रति समर्पण का भाव रखने वाले कांग्रेस के अधिकांश विधायक और राज्य सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी का नाम गहलोत सरकार को बचाने में प्रमुख रूप से लिया जाता है।

महेश जोशी ने अमित शाह से कांग्रेसी नेताओं की मुलाकात पर अपने संपर्क सूत्रों से नजर रख ना पहले से ही शुरू कर दिया था जो बाद में बहुत काम आया। अमित शाह पायलेट की मुलाकात पायलेट के साले उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी हटाने से शुरू होकर हरियाणा सरकार की मेजबानी से लेकर गहलोत सरकार के गिराने का असफल प्रयास तक थी। समय रहते रंगा बिल्ला की गहलोत सरकार को गिराने की सूचना मिलने से गहलोत सरकार समर्थक कई विधायक पायलेट खेमे में घुसपैठ कर गए जिससे असंतुष्ट विधायकों पर नजर रखना आसान हो गया।असंतुष्ट खेमें की मिलने वाली सटीक सूचनाओं ने सरकार गिराने के मंसूबे विफल कर दिये मजबूत रणनीति सटीक सूचनाओं के संकलन के कारण राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत का कद कांग्रेस पार्टी के साथ देश की राजनीति में बढ़ा है आने वाले समय में देश की राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी का विकल्प बनकर अशोक गहलोत सामने आ सकते है।

विरोधी भाजपा के साथ असंतुष्ट विधायकों पर नजर रखना अपने पक्ष के विधायकों को एक रखने के पीछे मजबूत रणनीति बनाने में महेश जोशी का बड़ा योगदान माना जाता है। भाजपा की केंद्रीय सरकार ने इस बीच ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग के छापों के बल पर राज्य के कांग्रेसी नेताओं को भयभीत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राज्य के मुख्यमंत्री के भाई को कथित रूप से बीज घोटाले में जोड़ा गया विपरीत परिस्थितियों में बिना विचलित हुए सटीक सूचनाओं का संकलन करके अपनी रणनीति बनाकर लक्ष्य पर नजर बनाए हुए रखना कोई साधारण काम नहीं था। असाधारण काम को अपनी बुद्धि चातुर्य कौशल के बल पर अपने नेता का विश्वास से अंतिम लक्ष्य तक पंहुचा कर मैदान में डटे रहने का हुनर महेश जोशी को राज्य की राजनीति में असाधारण बना देता है।

बिना दबाव में आये सबकी धैर्य से सुनना शांत चित्त से फिर सबको संतुष्ट करना सब के लिए एक और एक के लिए सब की संस्कृति का विराट रूप जोशी के चरित्र में दिखाई दे रहा है। आज जब न्याय पालिका भय आतंक के कारण लोया बनने से बचने के लिए समर्पण का भाव लिए खडी हो ऐसे समय में इस प्रकार से डटे रहना किसी महामानव का ही काम है राज्य की कांग्रेस और जनता दोनों यह भाव आज महेश जोशी के विराट व्यक्तित्व में देख रही है जो शायद गलत नहीं है। शिघ्र ही राज्य की गहलोत सरकार के मंत्री मंडल में बड़े विभाग के केबिनेट मंत्री के रूप में महेश जोशी मंत्री होंगे ऐसी जन आंकाक्षा है जो शिघ्र ही फलिभूत होने वाली है।

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