जयपुर

जयपुर की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं महेश जोशी

Special Coverage News
7 Jan 2019 2:44 PM GMT
जयपुर की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं महेश जोशी
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मो हफीज व्यूरो चीफ

हमारे देश में आजादी से पूर्व देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर राजनीति के वर्तमान परिद्रश्य तक मे मुस्लिम समाज ने अपना नेता हमेशा ही अपने समाज के लोगों से इतर अन्य समाज के लोगों को माना है। देश की आजादी से पूर्व स्वतंत्रता की लडाई लडने वाली कांग्रेस पार्टी के नेताओ का प्रभाव मुस्लिम समाज पर काफी ज्यादा रहा है। दो राष्ट्र के रुप मे हिन्दू-मुस्लिम समुदाय को मानने वाले संघ हिन्दू महासभा का प्रभाव देश के बहूसंख्यक हिन्दू समाज पर भी कम ही देखा जाता है। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी की समन्वय समता मूलक राजनीति को देश की बहुसंख्यक जनता ने काफी ज्यादा पसंद किया है। आजादी के आंदोलन में अंग्रेजी सरकार से लडऩे के लिए अहिंसा को अपना हथियार बनाने वाले महात्मा गांधी का प्रभाव मोहम्मद अली जिन्ना से कही अधिक मुस्लिम समाज में था। गांधी जी को भारत की जनता की सहनशीलता का पता थाइस कारण उन्होंने कहा कि यदी कोई तुम्हारे गाल पर थप्पड़ मारे तो आप अपना दूसरा गाल भी उसके सामने करदो मारने के लिए।


आज भी हमारे देश की जनता देश के वर्तमान परिवेश में नोट बंदी, जी एस टी, किसानों की मोत महंगाई की मार से व्याकुल होकर कभी भी सडक पर नहीं उतरती है और ना ही किसी संदेश में जनक्रांति होती है। गांधी जी के अहिंसा के इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारने वाले सीमातं गांधी खान अब्दुल गफ्फार ने अपनी सर्वाधिक हिसंक कोम पठान जाती को भी अहिंसा के सांचे में ढाल दिया था। देश की बडी आबादी ने जिन्ना के दो राष्ट्र के सिद्धांत को नकारते हुए गांधी नेहरू के भारत में रहना मुनासिब समझा था। गांधी नेहरू को अपना नेता मानने मुस्लिम समाज की संख्या पाकिस्तान की जनसंख्या से अधिक है जो भारतवर्ष में निवास करती है।

आजादी के पश्चात देश की समकालीन राजनीति में इसी प्रकार इंदिरा गांधी, वीपी सिंह, मुलायम सिंह लालू यादव जय ललिता ममता बनर्जी आज तक मुस्लिम समुदाय के नेताओं से अधिक अपनी स्वीकार्यता मुस्लिम समाज में रखते हैं। राज्य की राजधानी जयपुर की राजनीति में तीन समाज के वोटो के प्रमुख धडे है। मुस्लिम ब्राह्मण महाजन समुदाय के वोट जयपुर की राजनीति की धुरी है।जयपुर शहर की लोकसभा सीट 25 वर्षो से भाजपा के स्वर्गीय गिरधारी लाल भार्गव के कब्जे में रही है।भाजपा की इस परम्परागत सीट को जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी ने सभी समाज के व्यक्तीयो को चुनाव मेदान मे उतारा परन्तु भाजपा का यह किला फतह करना कांग्रेस के लिए दुष्कर ही रहा।


जयपुर शहर की लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने महेश जोशी को चुनाव में उतारकर जब यह दाव चला तो राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले महेश जोशी ने पहले प्रयास यह सीट जीतकर कांग्रेस की झोली में डाल दी।जयपुर शहर में महेश जोशी की पकड समान रूप से मुस्लिम ब्राह्मण महाजन वर्ग पर आज तक बनी हुई है। पहली बार जब किशन पोल विधानसभा क्षेत्र से जोशी विधायक बने थे तब से आज तक मुस्लिम समुदाय में इनका विश्वास कायम है ठीक इसी प्रकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विश्वास भी महेश जोशी पर बना हुआ है। पिछले लोकसभा चुनाव में महेश जोशी मोदी लहर के कारण चुनाव हार गए थे। इस बार विधानसभा चुनाव में हवा महल सीट से माली और मुस्लिम समाज के वोटो के बल पर जोशी चुनाव जीत गए हैं।


राजधानी में अपने सांसद काल में जयपुर शहर को मेट्रो रेल सेवा, आगरा रोड पर सुरंग योजना की सौगात और बीसलपुर का पानी पीने के लिए उपलब्ध कराना जोशी की ही देन है। जयपुर शहर में इस बार कांग्रेस पार्टी को विधान सभा चुनाव में आशातीत सफलता मिली है उसके उपरांत महेश जोशी को मंत्री नही बनाने से कार्यकर्ता ओ को निराशकर रही है। समाज में हमेशा सकारात्मक सोच के बल पर लोगों के सुखदुख मे भागीदारी करने का हुनर महेश जोशी को अपने आपमें सबसे अलग ओर अनूठा बनाता है। लम्बे समय से समाज के सभी वर्गों को अपने साथ लेकर चलने और सभी समाजो मे सामाजिक समरसता का तालमेल बना कर चलने की अदभुत कला का महेश जोशी जयपुर में संगम बने हुए हैं। अपनी जोडने की अद्भुत कला का प्रदर्शन जयपुर की राजनीति में महेश जोशी शहर के मेयर पद पर महाजन वर्ग की ज्योति को मेयर का चुनाव जिताने मे दिखा चुके हैं। आज भी जयपुर में राजनीति का चाणक्य महेश जोशी को माना जाता है जिनकी जरूरत कांग्रेस पार्टी के लिए बनी हुई है।

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