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राजस्थान कांग्रेस में नहीं बन रही बात, मगर केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल में हल्का फेरबदल संभव! महाराष्ट्र और चुनावी प्रदेश को मिल सकता प्रतिनिधित्व!
Big news about Ashok Gehlot of Rajasthan
विधानसभा और लोकसभा के चुनाव को लेकर जैसे भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए गंभीर रूप से जुटी हुई है। राजस्थान कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर लगभग पिछले एक पखवाड़े से मंथन चल रहा है। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रंधावा सहित प्रदेश के कुछ नेता दिल्ली और जयपुर के बीच दौरे कर इस मामले को अंतिम मोड़ तक ले जाने के लिए प्रयासरत हैं।
लेकिन चूंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल चिकित्सा कारणों से सीएमआर से ही सरकारी कामकाज कर रहे हैं। तथा वे बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि बिना गहलोत के दिल्ली गए कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाएगा। इसी बीच राजस्थान भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की जा चुकी है। भाजपा की कार्यकारिणी में अधिकतर पदाधिकारी 50 से 55 साल की कम आयु के हैं। सबसे बड़ी बात यह है की नई कार्यकारिणी में अजमेर जिले को महत्व नहीं मिला। मगर यह बात इसलिए महत्व नहीं है क्योंकि अजमेर जिले से कांग्रेस के विधायक होने के बावजूद भी वह किसी पद पर नहीं है ऐसे में इस बात का कोई महत्व नहीं है की भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में अजमेर जिले को महत्व मिला या नहीं मिला।
बात करें केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पिछले 1 सप्ताह से मंत्रिमंडल में हल्का-फुल्का फेरबदल करने की कवायद में जुटा हुआ है। अटकले लगाई जा रही है कि 9 जुलाई से 12 जुलाई के बीच मंत्रिमंडल फेरबदल हो सकता है! सूत्रों की माने तो 7 जुलाई तक राष्ट्रपति दिल्ली से बाहर है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोरखपुर में भाग लेने आठ जुलाई को गोरखपुर जा सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री का तेरह जुलाई को फ्रांस जाने का कार्यक्रम है। इसलिए अटकलें है की 9 से 12 जुलाई के बीच मंत्रिमंडल फेरबदल हो सकता है।
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल फेरबदल में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों में से कुछ सांसदों को मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है। राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल पहले से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में है ऐसे में राजस्थान से किसी को शामिल करने की संभावनाएं कम है लेकिन चर्चा है कि जातिगत आधार पर एक _दो सांसदों को मौका मिल सकता है। जो जोधपुर संभाग से हो सकते हैं! महाराष्ट्र से देवेंद्र फर्नांडिस और प्रफुल्ल पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है!
अगर चिराग पासवान एनडीए में आते है तो उन्हें बिहार से प्रतिनिधित्व मिल सकता है। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा होने पर बिहार के आर के सिंह को मंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण और एक अन्य मंत्री की भी राज्यसभा की सदस्यता पूरी हो जाने से त्यागपत्र देना पड़ा था। जिसको लेकर चिराग पासवान सहित एक भाजपा सांसद को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकता है!
वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्र में 75 मंत्री हैं ऐसे में 6 नए मंत्री आसानी से बनाए जा सकते हैं वही गुजरात सहित अन्य प्रदेशों से भी चार से पांच मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा है। देखने वाली बात होगी केंद्र का मंत्रिमंडल फेरबदल पहले होता है या राजस्थान पर प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला पहले पूरा होता है।