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अब अशोक गहलोत बोले, निपट लेंगे अब हम देखेंगे किसको लेकर दिया ये बयान
रमेश शर्मा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले लंबे समय से राजस्थान में अपनी सरकार को रिपीट करने के लिए जबरदस्त प्रयासरत हैं। शुरुआत गहलोत ने युवा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने को लेकर उस समय की जब उन्होंने अपनी सरकार के आखिरी बजट में अधिकतम प्रावधान युवाओं के लिए रखने का बार-बार जिक्र किया।
इसके साथ ही उनका दबाव ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर रहा। मुख्यमंत्री ने राजस्थान के लगभग सात लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों को ओ पी एस देने की घोषणा कर दी। इसी को लेकर जब उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर एनपीएस की केंद्र सरकार में जमा राशि का हिस्सा लौटाने की मांग की तो वित्त मंत्री ने एनपीएस की जमा राशि देने से इनकार कर दिया। पुरानी पेंशन योजना पर लौटना निस्संदेह कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से सराहनीय फैसला है।
मगर हकीकत यह है कि जिन राज्यों ने इस योजना में लौटने का वादा किया। हो सकता है कि एनपीएस की राशि वापस लेने के लिए सरकार न्यायालय की भी शरण ले! इसी को लेकर कल मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने किशनगढ़ रेनवाल के दौरे के दौरान आम जनता से कहा कि वे सरकार रिपीट कर दें बाकी उनसे तो हम निपट लेंगे।
लोगों का मानना है कि यह बात उन्होंने वित्त मंत्री सीतारमन के एनपीएस की राशि नहीं लौटाने को लेकर यह ध्यान में लेकर यह बात कही हो! सीएम गहलोत ने कहा कि पानी के मंत्री जोधपुर के हैं लेकिन उन्हें भी परवाह नहीं है। पानी का संकट क्या होता है, यह राजस्थान से ज्यादा कौन जान सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बीसलपुर का पानी जयपुर और आसपास के इलाकों में पहुंचाया। बीजेपी हमारी योजनाओं को बंद कर देती है लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं। रिफायनरी का काम बंद होने से उसकी लागत बढ गई लेकिन अब हम इसे आगे नहीं बढ़ने देंगे।
कुल मिलाकर गहलोत किसी भी तरह से इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनाव में फिर से अपनी सरकार को रिपीट करने के लिए प्रयासरत हैं! मगर देखने वाली बात होगी राजस्थान सरकार ने सियासी संकट समाप्त नहीं होने की स्थिति में सरकार रिपीट होने का क्या फार्मूला निकाला जाएगा!