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जिनके कर्मों से होता है पुलिस वर्दी का सम्मान उन्हें जनता का सलाम
मोहम्मद हफीज
इस संसार में ईश्वर ने सभी प्रकार के व्यक्ति बनाए हैं सबकी पसंद, चाहते अलग-अलग है और अपनी-अपनी चाहतों के लिए सभी लोग अपने प्रयास करते रहते हैं. धन, खूबसूरती योग्यता को प्राप्त करने के लिए अपने जीवन का अमूल्य समय गंवा कर इन्हें प्राप्त किया जाता है परंतु मनुष्य जीवन की हकीकत कुछ और है. सच ये है कि मनुष्य अपनी मर्जी से ना दुनिया में आता है और ना ही अपनी इच्छा से दुनिया से जाता है. मनुष्य ईश्वर की मर्जी से संसार में आता है और एक दिन हरि इच्छा से इस दुनिया से नाता तोड़ कर चला जाता है जब दुनिया में आने और जाने में ईश्वर की मर्जी चलती है तो इस संसार में भी ईश्वर की मर्जी के अनुसार ही व्यक्ति को सद्कर्म करने चाहिये.
ईश्वर चाहता है दुनिया में इंसानों के जरिए प्यार, मोहब्बत, न्याय सदाचार के फूल बरसे. दुनिया में दुखी, परेशान हाल, मुसीबत में घिरे लोगों की मदद सक्षम ताकतवर लोग करें. एक पुलिस अधिकारी धरती पर ईश्वर का प्रतिनिधि बनकर कार्य करता है. दुनिया का मुसीबतों, परेशानियों में घिरा आदमी ईश्वर के बाद यदि किसी से न्याय की अपेक्षा करता है तो वह पुलिस अधिकारी होता है. राग-द्वेष, नफरत, जात-धर्म के भेद से ऊपर उठकर यदि एक पुलिस अधिकारी निष्पक्ष रूप से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करके उसे न्याय दिलाता है तो सही मायने में पुलिस अधिकारी के यह सद्प्रयास धरती पर ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के सराहनीय कामों में से सर्वोत्तम प्रयास है। इससे समाज में शांति, सदभाव परस्पर मेलजोल एवं भय रहित वातावरण तैयार होता है। निर्बल का बल या तो भगवान होता है या फिर कानून का रक्षक बना पुलिस बल होता है. हमें यह लिखते हुए खुशी महसूस हो रही है कि राज्य की राजधानी जयपुर शहर में राज्य पुलिस का एक नया ही रूप कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला है जयपुर में पुलिस बल आम जनता के जीवन को बचाने के लिए 24 घंटे अपने परिवार से दूर रहकर जनता के सुख-दुख की चिंता में सड़कों पर गश्त करता नजर आया है. आमजन को दवाई से लेकर खाने के पैकेट उपलब्ध कराने के कामों में बिना धैर्य खोये पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी लगे रहे हैं बीमार, प्रसुताओं, गर्भवती महिलाओं को बिना किसी देरी के अपने निजी साधनों से पुलिस अधिकारी अस्पताल में लेकर गये हैं.
निश्चित रूप से पुलिस के इन मानवीय कार्यों के कारण अनेक लोगों का जीवन विश्व में फैली कोरोना महामारी के लॉकडाउन के समय में बच पाया है. राजस्थान पुलिस के डीजी भूपेंद्र यादव स्वयं सड़कों पर ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए घूमते रहे हैं। राजधानी जयपुर में लगे पुलिस के जांबाज अधिकारी छूत से फैलने वाली कोरोना की घातक बीमारी से बेखौफ होकर सड़कों पर लोगों का हालचाल जानने के लिए घर-घर घूमते रहे. राज्य के शेखावाटी अंचल की माटी में देशप्रेम, बहादुरी की सुगंध पाई जाती है. देश की सरहदों से लेकर सुदूर यूरोप, खाड़ी देशों तक में यहां के निवासियों ने अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं. शेखावाटी की धरती के वीरों में देश सरहदों की रक्षा के लिए मर मिटने का जज्बा पाया जाता है तो यहां के धनकुबेरों में देश की जनता की सेवा का एक रिवाज रहा है. स्कूल, अस्पताल, धर्मशाला जैसे धर्मार्थ के काम करने वाले समाज के लोग पुलिस के अधिकारी बनकर भी राजधानी में जनसेवा का अनूठा उदाहरण पेश कर रहे हैं.
जयपुर पुलिस आयुक्तालय में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा अपना अधिकांश समय जयपुर की जनता को समर्पित करते हुए पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव के साथ जयपुर की जनता में सुरक्षा का भाव जगाने के लिए सड़कों पर पैदल गस्त करते नजर आते हैं. अजय पाल लांबा राज्य पुलिस के वह जांबाज पुलिस अधिकारी है जिन्होंने आसाराम बापू को बिना लालच दबाव में आए जेल के भीतर पहुंचाया था. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक गुप्ता की इमानदारी, सूझबूझ समाज को कुछ अलग रहकर पुलिस सेवा देने की सोच पुलिस वर्दी का आमजन में सम्मान बढ़ाती है. इन्होंने जयपुर शहर में नशा मुक्ति का अभियान चलाकर नशे के सौदागर को जेल तक पहुंचाया है इनके प्रयासों के कारण स्कूल कॉलेजों तक में फैला नशे का जाल दूर हो गया है। पुलिस को आमजन के करीब ले जाकर संवाद कायम करने के कारण पुलिस और जनता के बीच दूरी कम होती है साथ ही आपसी समझ बढ़ने से सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ता है इससे पुलिस को दोहरा लाभ मिलता है. एक तो अपराध की सही सूचना प्राप्त होना दूसरा आमजन के करीब होने से पुलिस का भय जनता से दूर होना तथा पुलिस के प्रति फैली भ्रांतियों का समाधान होने से पुलिस की छवि सुधरना। अशोक गुप्ता की कार्यशैली से पुलिस जनता दोनों को फायदा मिलता है इनके कारण जयपुर पुलिस की छवि आमजन में सुधरी है। पुलिस उपायुक्त राजीव पचार के द्वारा घर-घर अपने क्षेत्र में जाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति करना शायद अपने आप में जनता को पुलिस का नया अनुभव है। पुलिस का यह मानवीय चेहरा जनता में पूर्व से व्याप्त कड़कदार आवाज वर्दी का रौबदाब जो भयभीत करता था. उस पर इस समय पुलिस की नई छवि भारी पड़ रही है।
पुलिस उपायुक्त कावेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त बजरंग सिंह की टीम ने बगरू से लेकर चौमू कस्बे तक जनता का विश्वास जीता है। राज्य पुलिस में बजरंग सिंह एक कर्मठ ईमानदार बेहतरीन अनुसंधान के लिए जाने जाते हैं. राज्य की एसीबी में इन्होंने राज्य के भ्रष्ट आईएएस अधिकारी के वसूली गिरोह तो एसओजी में जम्मू-कश्मीर के अवैध हथियार गिरोह का भंडाफोड़ किया था। अनेक ब्लाइंड मर्डर खोलने के महारथी राम अवतार सिंह थाना प्रभारी मुरलीपुरा, ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी भारत सिंह, एसीपी मेघचंद मीणा, इस्लाम खान, एडीसीपी नाजिम अली जैसे अनेक अफसरों ने संवेदनशील घनी आबादी वाले रामगंज को कोरोना मुक्त करने की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दिया है पुलिस के सामूहिक प्रयासों से जनता में कोरोना के प्रति नई चेतना का संचार हुआ है पुलिस चिकित्सा कर्मियों के सामूहिक प्रयासों के कारण इस जानलेवा लाइलाज बीमारी से मरने वालों का प्रतिशत 1% से 1.5% रह गया है। लोग ठीक होकर अपने घरों को वापस आ रहे हैं.
पुलिस के अनुशासित बल के सामूहिक प्रयासों का परिणाम जनता में पुलिस के प्रति गहरे पैठ कर चुकी नफरत को दूर कर पुलिस अब जनता की मित्र मददगार बना रही है वैसे समाज की पुलिस के बगैर कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पुलिस जब सड़कों पर गश्त करती है तभी समाज के लोग अपने घरों में सुखी, सुरक्षित महसूस करके सुख सपनों की नींद मजे से लेते हैं। समाज में जिस प्रकार अच्छे बुरे लोग होते हैं उसी प्रकार पुलिस में भी सभी प्रकार के लोग पाए जाते हैं समय के साथ जिस प्रकार व्यक्ति के कर्म बदलते हैं उसी से उसकी पहचान होती है फिलहाल जयपुर पुलिस जनता का विश्वास काफी हद तक जीतने में सफल हो चुकी है। पुलिस से समाज, जनता दोनों का इससे भला होता है। इस संकटकालीन परिस्थिति में पुलिस के सराहनीय मानवता भरे कार्यों को दिल से सलाम। आशा करते हैं पुलिस का यही रूप हमें कोरोना महामारी के बाद भी देखने को मिलता रहेगा। फिलहाल जयपुर पुलिस को हमारा और जनता की ओर से सैलूट, सलाम, जय हिंद