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राजीव स्वरूप का कार्यकाल बढ़ सकता है, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह नही अटकाएँगे रोड़ा
महेश झालानी
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल में अब तीन का इजाफा होने की संभावना है। राज्य सरकार ने केंद्र को राजीव स्वरूप का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। पहले उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के दखल की वजह से केंद्र इस प्रस्ताव को नामंजूर कर सकती है। लेकिन शेखावत ने इस एपिसोड से अपने को दूर कर लिया है।
गजेंद्र सिंह के पास यह शिकायत पहुँचाई गई कि टेलीफोन टेपिंग और वीडियो वायरल करने में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) होते हुए राजीव स्वरूप ने यह सारा षड्यन्त्र रचा था। गजेंद्र सिंह ने आज बातचीत करते हुए कहाकि उनकी इस प्रकरण में कोई भूमिका नही है और न ही रहेगी। शेखावत का कहना था कि वे इस तरह की ओछी हरकत करने में विश्वास नही करते है और न ही उन्होंने कार्यकाल बढ़ाने वाली फाइल में किसी प्रकार की अड़चन लगाने के लिए कार्मिक मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को फोन किया। मुलाकात करने की बात तो बहुत दूर की है।
शेखावत ने कहाकि सरकार के हर जायज आदेश अथवा निर्देश की पालना करना प्रत्येक अधिकारी का दायित्व होता है। बेईमानी तब झलकती है जब कोई अधिकारी टारगेट बनाकर किसी राजनेता को उत्पीड़ित करें। केंद्रीय मंत्री का कहना था कि उन्हें सब पता है कि यह सारा षड्यन्त्र किसके इशारे पर किसने किया था।
भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह अपनी टिप्पणी के साथ कार्यकाल बढ़ाने वाली पत्रावली प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा को भिजवा दी है। टिप्पणी में डॉ जितेंद्र सिंह ने क्या लिखा है, यह ज्ञात नही हो सका है। सबकुछ अब पीएम के निर्भर करता है। केंद्र और राज्य के रिश्ते इन दिनों बेहतर नही है।
उधर सीएस की दौड़ में सबसे अव्वल उषा शर्मा भी मुख्य सचिव बनने के लिए जबरदस्त तरीके से लॉबिंग कर रही है। शर्मा पिछले 8 साल से प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात है। वह भी इस कोशिश में है कि राजीव स्वरूप का कार्यकाल नही बढ़ाकर, उन्हें तत्काल मुख्य सचिव बना दिया जाए। इनके पति भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके है तथा उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की नजदीकी रिश्तेदार है।
उल्लेखनीय है कि राजीव स्वरूप 31 अक्टूबर को रिटायर होने वाले है। यदि उषा शर्मा सीएस नही बन पाती है तो वीनू गुप्ता की संभावना है। वरिष्ठ अधिकारी नील कमल दरबारी की राजनीतिक पहुंच नही होने की वजह से ये पिछड़ सकती है। रविशंकर श्रीवास्तव से सरकार खफा है। जबकि गिरिराज सिंह के छह माह बकाया नही रहते है। सीएस के लिए छह माह की सर्विस बकाया होना जरूरी है।