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हो सकता है कमेटी का पुनर्गठन, राजस्थान के बागी विधायक आर-पार की लड़ाई के मूड में
महेश झालानी
अविनाश पांडे के स्थान पर राजस्थान के प्रभारी बनाये गए अजय माकन की शीघ्र छुट्टी हो सकती है। माकन को गहलोत गुट का व्यक्ति माना जाता है। पायलट ने पहले ही अजय माकन और केसी वेणुगोपाल को कमेटी में शामिल नही करने के लिए कहा था। बावजूद इसके इन दोनो को कमेटी में शामिल करना तात्कालिक रूप से सचिन पायलट को तो स्वीकार हो सकता है, लेकिन इनके गुट के विधायकों को नही।
पायलट खेमे के एक विधायक ने कमेटी के सदस्यों पर आपत्ति करते हुए कहा है कि गहलोत ने डिक्टेट करके कमेटी का गठन करवाया है। इस सदस्य का कहना है कि कमेटी या पायलट उनके हितो की रक्षा कर पाएंगे, इसकी संभावना कतई नही है। असन्तुष्ट विधायको की बगावत से ऐसा प्रतीत होता है कि कमेटी का पुनर्गठन हो सकता है।
पायलट गुट से जुड़े रहे एक विधायक ने नाम उजागर नही करने की शर्त पर बताया कि अब हमारे पास खोने के लिए कुछ नही है। लेकिन बात ऐसे लोगो के समक्ष रखना चाहेंगे जो पूरी तरह निष्पक्ष और बेबाक (संदेह है) हो। पायलट तो जैसे-तैसे अपनी गोटिया फिट कर लेंगे। लेकिन हम जैसे लोगो का भगवान ही मालिक है। गहलोत मंत्री तो क्या, अब संतरी भी नही बनाएगा। बुरा फंसाया पायलट ने ....बाकी बाद में। इतना कहकर विधायक महोदय ने बात बन्द करदी।
अविनाश पांडे की छुट्टी होना लाजिमी था
मैंने 30 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर पांडे की करतूतों को उजागर कर दिया था। इसके बाद से ही आलाकमान ने अविनाश पांडे को हटाने का मानस बना लिया था। एक अन्य पोस्ट में लिखा था - पांडे आते है, अटेची लेकर चले जाते है। प्रदेश के एक मंत्री से व्यापारिक रिश्तो का भी उल्लेख किया था।