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राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले हो सकता है हंगामा, गहलोत समर्थक असतुंष्टो को सिखाएंगे सबक!
विधानसभा से पहले ही आज जबरदस्त हंगामा होने की उम्मीद है। यह हंगामा भाजपा और कांग्रेस के बीच न होकर पार्टी के अंदर ही होगा। मुख्य्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट खेमे से बेहद खफा है। भले ही असन्तुष्ट विधायक मानेसर से बैरंग जयपुर लौट आए हो, लेकिन गहलोत खेमे के विधायक इनको आत्मसात करने के मूड में नही है।
कांग्रेस विधायक दल की आज शाम को बैठक आहूत की गई है। अभी यह तय नही है कि बैठक में पायलट खेमे के विधायक शामिल होंगे या नही। बैठक के सम्बंध में कोई व्हिप जारी नही किया गया है । गहलोत खेमे में उसी दिन से नाराजगी है जिस दिन पायलट गुट के विधायक वापिस जयपुर लौटे है। अगर बैठक में पायलट गुट शामिल होता है तो पार्टी के संगठन मंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ साथ असन्तुष्ट विधायकों को भी निशाना बनाया जाएगा। हो सकता है कि विधानसभा से पहले ही बैठक में लात घूंसे चल जाये।
जैसलमेर में हुई बैठक में भी गहलोत समर्थको ने असन्तुष्ट विधायको के प्रति क्रोध का इजहार किया। क्रोध इतना ज्यादा था कि अधिकांश विधायको ने परसो रात को खाना भी नही खाया। गहलोत गुट के अधिकांश विधायको की यह राय है कि असंतुष्टों की पार्टी या मुख्यमंत्री के प्रति कोई निष्ठा नही है। अपनी सदस्यता बचाने की गरज से इन लोगों ने वापसी की है। अगर आज इनको गले लगा लिया गया तो भविष्य में छाती पर मूंग दलते हुए ये पार्टी का जनाजा निकालने में भी कतई नही हिचकिचाएंगे। लिहाजा इनसे दूरी बनाना उचित है।
कुछ हद तक यह बात सही भी है। सचिन या उनके साथी विधायको के तेवरों में आज भी तल्खी बरकरार है। सचिन तो साफ तौर पर गहलोत को शालीनता का पाठ पढ़ा रहे है। उधर असन्तुष्ट विधायकों को उम्मीद है कि मंत्री पद के अलावा उनको शीघ्र उचित सम्मान मिलेगा। पार्टी आलाकमान को भी खबर लगी कि गहलोत समर्थक विधायको में गहरी नाराजगी है। इसलिए अभी तक तीन सदस्यीय कमेटी गठन की घोषणा नही की है। विधायकों का मूड भांपने के लिए आलाकमान ने वेणुगोपाल को जयपुर भेजा है।
ज्ञात हुआ है कि कई विधायक उत्तेजना तथा पैसो के लालच में हरियाणा चले तो गए। लेकिन उनके मंसूबे पूरे नही हुए । पता चला है कि सभी असन्तुष्ट विधायको को बतौर पेशगी बीजेपी की ओर से दस दस करोड़ दिए गए। तय हुआ था कि सचिन न्यूनतम तीस विधायको का बंदोबस्त करेगा। लेकिन ऐसा नही हो पाया। अंत मे विधायको को जब अपनी सदस्यता जाने का खतरा और पेशगी रकम वापसी के लिए दबाव पड़ने लगा तो असन्तुष्ट विधायको ने सचिन के खिलाफ बगावत करदी।
उधर बागी विधायकों से जबरन होटल खाली करवा लिया गया। एक दो विधायको के जरूरी सामान जैसे अंडरवियर-बनियान आदि भी होटल के कमरे में छूट गए। विधायक भंवरलाल शर्मा मेदांता का नाम लेकर जयपुर भाग छूटे । जब तक उनके बारे में कुछ पता लगता, तब तक वे सीएमआर के बाहर पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। यह अभी ज्ञात नही हुआ है कि पेशगी राशि का क्या हुआ। बहरहाल ! आग दोनों ओर लगी है। हो सकता है कि जिस तरह सचिन समर्थको की परेड आलाकमान के सामने हुई, हो सकता है कि गहलोत समर्थक विधायक भी दिल्ली आलाकमान के पास जा सकते है।
महेश झालानी