जयपुर

जन्म कुंडली के ग्रहों के फेर में फंसकर सचिन पायलट की इमरजेंसी लैंडिग हुई फेल

Shiv Kumar Mishra
19 July 2020 12:55 PM IST
जन्म कुंडली के ग्रहों के फेर में फंसकर सचिन पायलट की इमरजेंसी लैंडिग हुई फेल
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पंडित अजय शर्मा

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस नेता सचिन पायलट इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपनी नाराजी व्यक्त करते हुए बहुत कुछ ऐसा किया जो राजनीतिक हिसाब से बगावत कहलाता है। वास्तव में ये सब सचिन के ग्रहों का फेर है। उनके ग्रहों ने ही उन्हें ये सब करने के लिए मजबूर किया है। लेकिन, वे जल्द ही इस समस्या से उबर जाएंगे, पर उन्हें फिर उसी ऊंचाई तक पहुँचने में समय लगेगा।

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट ने राजस्थान के दौसा को अपनी कर्मभूमि बनाया था। वे गाँधी परिवार के काफी नजदीक रहे! लेकिन, असामयिक मृत्यु के बाद उनके बेटे सचिन पायलट ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला। उन्होंने अमेरिका के पेंसिलवानिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री ली और वर्ष 2002 में कांग्रेस में आ गए। सचिन ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी से संभाला। वे 2004 में 26 साल की आयु में देश के सबसे युवा सांसद चुने गए। उनका राजनीतिक सफर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर उपमुख्यमंत्री तक पहुंचा। लेकिन, अचानक कुछ ही समय में ऐसा उलटफेर हुआ कि उन्होंने बगावत कर दी और नतीजे में पार्टी ने उन्हें दोनों पदों से मुक्त कर दिया। ज्योतिष की नजर में उनके इस अर्श से फर्श तक के सफर में ग्रहों की चाल ने अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है।

जानते है उनकी जन्म कुंडली के बारे में

सचिन पायलट का जन्म 8 सिंतबर 1977 को सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। सचिन की जन्म पत्रिका में वृश्चिक लग्न है, जिसका स्वामी मंगल होकर पत्रिका के आठवें भाव में विराजमान है। कुंडली में बुधादित्ययोग, गजकेसरी योग, चंद्र मंगल योग जैसे राजयोग हैं, जो पायलट को राजस्थान की राजसत्ता में बुलंदी तक ले गए। वहीं दूसरी और काल सर्पयोग व वर्तमान में चल रही विषयोग के कारण वे अर्श से फर्श पर आ गए। उनकी कुंडली में स्वराशि के सूर्य की कर्मभाव में उपस्थिति से व बुध के साथ से बुधादित्य योग के कारण उन्होंने विलक्षण प्रतिभा पाई और अपनी वाणी से लोगों को प्रभावित किया और सत्ता के केन्द्र बिंदु बने। आठवां चंद्र होने के कारण भाग्य को हानि पहुँचती है और ये कई प्रकार का अनिष्ट करता है। लेकिन, चंद्र के साथ गुरू होने से गजकेसरी योग का निर्माण भी हुआ, जिससे उन्हें राजसी सुख प्राप्त हुआ। इसी योग के कारण वे उच्च पद पर पहुंचे, विवाद में फंसे और भाषण आदि कला में निपुण हैं। इस योग के कारण ही उन्हें धन-दौलत व मान सम्मान प्राप्त हुआ। आठवें भाव में ही चंद्र के साथ मंगल की उपस्थित ने उन्हें काफी गुस्सैल स्वभाव का बनाया। वहीं दूसरी और चन्द्र मंगल योग का निर्माण भी करती है और इस योग के जीवन में चमत्कारी प्रभाव दिखाई देते हैं। उनकी कुंडली में चंद्र तरल रूप है, वहीं मंगल साहस का प्रतीक होने के कारण सचिन का राजनीतिक जीवन में साहस व उत्साह का संचार हुआ। इस योग के कारण विशेष धनकारक योग भी है। आठवें भाव में दो अत्यंत शुभ योग के साथ भी आठवाँ चन्द्र व मंगल दोनो अनिष्टकारी भी होते हैं। दूसवे भाव में सूर्य के साथ बैठा बुध पैतृक सम्पति दिलवाता है। मूत्यु भाव में मिथुन राशि के गुरू की उपस्थिति के कारण पिता-पुत्र का ज्यादा साथ नहीं रहा। अष्टम गुरू कर्ण रोग भी देता है। नवम भाव में स्त्री राशि के शुक्र की उपस्थिति के कारण विवाह के उपरान्त भाग्योदय होता है। सचिन पायलट का विवाह जनवरी 2004 में हुआ था व 13 मई 2004 को वे देश के सबसे युवा सांसद बने।

प्रेमविवाह योग, अतंरजातीय विवाह योग

जन्म कुंडली में पंचम भाव में बैठे केतु की पूर्ण दृष्टि नवम भाव के शुक्र पर होना प्रेम संबंध का प्रतीक है। उल्लेखनीय है कि सचिन का विवाह कश्मीर के नेता फारूख अब्दुल्ला की बेटी सारा से हुआ है। आसमान से जमीन पर * काल सर्पयोग : सचिन पायलट की पत्रिका में लाभ भाव में राहु व पुत्र भाव में केतु के मध्य समस्त ग्रह आने से विषधर नामक काल सर्पयोग का निर्माण हुआ है। इस योग के कारण अपने से बड़े लोगों और भाई समान लोगों से कलह होता है। जातक सदैव चिंताग्रस्त रहता है और जीवन रहस्यमय होता है।

विष योग का निर्माण

सचिन की जन्म कुंडली में वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है। शनि मे स्वराशि के सूर्य की अन्तर्दशा से यश, मान सम्मान की प्राप्ति हुई और वे उप मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए। परंतु, शनि में चन्द्र के अंतर आने से सचिन के परेशानी भी आंरभ हुई और इसमें शुक्र का प्रत्यंतर आने से सचिन अर्श से फर्श पर आ गए। ज्ञात हो कि भारत की जन्म कुंडली में भी काल सर्पयोग के साथ वर्तमान में शनि में चन्द्र का अंतर होने से विष योग बनने से मित्र देश आँख दिखा रहे हैं। कोरोना महामारी का विस्तार भी तेजी से हो रहा है। लेकिन, सचिन इस योग से अक्टूबर तक निजात पा लेगें! लेकिन, फिर ऊंचाई तक पहुँचने की राह आसान नहीं होगी। उन्हें बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ेगा।

(नोट : सचिन पायलट की जन्म कुंडली की काल गणना प्राप्त कुंडली के आधार पर की गई है। हम उस कुंडली की प्रामाणिकता का दावा नहीं करते)

पंडित अजय शर्मा संपर्क : 98930 66604

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