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राज्यसभा चुनाव से पायलट और गहलोत के इन अलग अलग बयानों का मतलब क्या है?
जयपुर: राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राज्य में सियासी पारा काफी गर्म है, एक तरफ जहां कांग्रेस ने बुधवार से ही अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए जयपुर के रिजॉर्ट में ठहरा दिया है। वहीं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के परस्पर विरोधी बयान सामने आ रहे हैं।
दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर गम्भीर आरोप लगाये है। गहलोत ने कहा कि भाजपा ने 25-25 करोड़ में हमारे विधायको खरीदने की पेशकश की है। वही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मेल नहीं खाते, उनका कहना है कि, पार्टी के किसी विधायक के पास किसी प्रकार का कोई भी ऑफर नहीं आया है। उधर गहलोत के इस बयान के बाद ही भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्याारोप का दौर भी शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं : सतीश पूनिया
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस के आरोपों को पूरी से झूठ बताते हुए तथ्य पेश करने के लिये कहा, पूनियां ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान के सामने अपने नंबर बढ़ाने के लिये जानबूझकर इस तरह की स्थिति पैदा कर रहे हैं, उनका मकसद इस तरह के बयान देकर अपने ही पार्टी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को बदनाम करना हैं।
खरीद फरोख्त नहीं होने के कारण टला चुनाव
वहीं भाजपा के आरोप के बाद जयपुर के पांच सितारा होटल में वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल की विधायकों के साथ बैठक हुई. सीएम अशोक गहलोत ने फिर से भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए, गहलोत ने कहा राज्यसभा का चुनाव दो महीने पहले भी हो सकता था। लेकिन खरीद-फरोख्त नहीं हो सकने के कारण राज्यसभा चुनाव टाला गया था।
अशोक गहलोत ने कहा कि, भाजपा देश में लोकतंत्र की हत्या कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कोरोना की चिंता नहीं है। सीएम गहलोत ने आगे कहा फासिस्ट सोच के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह देश को कांग्रेस मुक्त करना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस लोगों के रग-रग में है। हम सब मिलकर तानाशाह ताकतों को हराएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा विधायकों को खरीदने की कोशिश के मामले की जांच एसओजी को दे दी गई है। बैठक में मौजूद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि किसी को इस बात पर शक नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस के प्रत्याशी जीतेंगे, हमारे दोनों प्रत्याशी निश्चित तौर पर जीतेंगे और कांग्रेस का हर कार्यकर्ता और विधायक एक साथ था है और रहेगा। वहीं देर रात कांग्रेस की विधायक दल की बैठक खत्म हो गयी है, 17 जून को पोलिंग होगी।
ऑफर वाली बात पर गहलोत व पायलट आमने-सामने
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव पहले कांग्रेसी नेताओं के परस्पर विरोधी बयानों से यह बात तो साफ हो ही जाती है कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर साफ तौर पर आरोप लगाते हैं लगा रहे हैं कि उनके विधायकों को तोड़ने के लिए ऑफर दिया गया। जबकि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इस बात से साफ इंकार करते हुए कहते हैं कि किसी भी विधायक को कहीं से भी कोई ऑफर नहीं दिया गया है।
अशोक गहलोत साद रहे एक तीर से दो निशाने
उधर राजनीति के धुरंधरों का मानना है कि, सारा घटनाक्रम क्रिएट किया गया है। दरअसल अशेाक गहलोत एक तीर से दो निशाने लगा रहे है, एक तो अशोक गहलोत भाजपा को ये दिखाना चाहते हैं कि उनके साथ उनके विधायक एकजुट है।
मध्यप्रदेश और गुजरात में जो झटका कांग्रेस को लगा है उसे देखते हुए कांग्रेस को राजस्थान में मनोवैज्ञानिक लाभ दिलाने की वो कोशिश कर रहे हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिधियां के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस आलाकमान द्वारा राजस्थान के मामले में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
सचिन पायलट को गंभीरता से ले रहा आलाकमान
पार्टी राजस्थान के मामले में अध्यक्ष सचिन पायलट की हर बात को गंम्भीरता से ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी आलाकमान को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि, सचिन पायलट पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं इसलिए उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाना चाहिए और किसी ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाए जो राज्य में कांग्रेस की जड़े मजबूत करने का काम करें।