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रमेश शर्मा
जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे तो वाराणसी हो अयोध्या पर धार्मिक स्थानों पर समय-समय पर मौजूद रहे हैं। मगर राजस्थान में हाल ही 28 जनवरी को संपन्न राजस्थान यात्रा को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा धार्मिक यात्रा रही जहां वे भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के मालासेरी स्थित देवनारायण भगवान के 1111 वे जन्मोत्सव में भाग लेने आए थे।
इतना ही नहीं मोदी ने देव धाम पहुंचने पर यह कहा था कि मैं प्रधानमंत्री नहीं बल्कि यहां मौजूद भक्तजनों के समान ही एक भक्त के रूप में पहुंचा हूं। और यह बात है भी सही की जब वे भक्त के रूप में यहां पहुंचे थे तो फिर प्रधानमंत्री की हैसियत से घोषणा कैसे कर सकते थे। कुछ दिनों तक घोषणा नहीं करने को लेकर भी मोदी की यात्रा के बाद कई तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर रही। अब फिर से एक नई चर्चा निकल कर आई है, जिसके अनुसार यह कहा जा रहा है कि क्योंकि वर्तमान मैं राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से भाजपा में एक भी गुर्जर विधायक नहीं है जबकि कांग्रेस में 8 विधायक ही नहीं दो तीन मंत्री भी हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि शायद वसुंधरा राजे के कार्यकाल में गुजर आंदोलन और कांग्रेस द्वारा पायलट को सीएम नहीं बनाने से गुजर मतदाता भाजपा और गहलोत से नाराज है। मगर फिलहाल बात करते है भाजपा की। सात आठ महीने बाद राजस्थान विधानसभा में चुनाव है और इस बार गुर्जरों का भी प्रतिनिधित्व न केवल विधानसभा में रहे बल्कि विधानसभा चुनाव में गुर्जर मतदाताओं का सहयोग भी मिले। मोदी के मालासेरी कार्यक्रम को भी इसी को लेकर जुड़ा हुआ मानकर चर्चाएं हैं।
गुर्जर मतदाताओं के नाराज होने का एक कारण यह भी बयाया जा रहा है, की वसुंधरा राजे सरकार में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 70 से अधिक लोग मारे गए थे। जिस से राजस्थान का गुर्जर समुदाय भाजपा से नाराज है। मोदी ने राजस्थानी यात्रा वसुंधरा राजे सरकार में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 70 से अधिक लोग गए थे। इस घटना के बाद से राजस्थान का गुर्जर समुदाय भाजपा से नाराज बताया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कमल के साथ गुर्जर समाज के लोक देवता के जुड़ाव को जोड़ते हुए कहा था कि "कलम पर अवतरित होने वाले भगवान देवनारायण के 1111वें अवतरण वर्ष में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। G-20 के लोगो में भी कमल को दर्शाया गया है। हम वो लोग हैं जो जन्म से कमल के साथ हैं। इसलिए हमारा संबंध काफी गहरा है।
यहां यह बताने की जरूरत नहीं है की पूर्व पीसीसी चीफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट जो गुजर समाज से आते हैं उन्हें भी मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से गुर्जर मतदाताओं को नाराज मानकर नाराज मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भी मोदी का प्रयास रहा हो। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा राजस्थान में अपनी एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए हर वह सकारात्मक कदम उठाने में जुटी हुई है जिससे मतदाता भाजपा के प्रति समर्पित भाव से समर्थन दें।