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तो क्या राजस्थान में चाचा भतीजे की है ये चाल, जिसमें फंस सकती है भाजपा
आवेश तिवारी
राजस्थान में जो हो रहा है वो कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। आप जिसे अशोक गहलोत और सचिन पायलट की जिद समझ रहे हैं दरअसल वो चाचा भतीजे की दिल्ली में तख्तों ताज पर बैठे मामा लोगों को सबक सिखाने का पुरजोर तरीका है। अब बेहद जरूरी है कि बीजेपी के खरीद फरोख्त के नँगे नाच को दुनिया के सामने लाया जाए। सचिन बीजेपी में नही जाएंगे तो नही जाएंगे यह तय है।
जितना मैं समझ पाया हूँ कांग्रेस लगातार यह एहसास करा रही है कि सरकार बस गिरने वाली है यह बात जितनी जनता के बीच पहुंचेगी कोरोना फिर चीन के मामले में बीजेपी से खार खाई जनता उतनी ही हमलावर होगी । कोशिश की जानी चाहिए कि जनता राजभवन कूंच करे या विधानसभा घेर ले।
राजस्थान के मसले पर जिस किस्म से बीजेपी का जुलूस निकल रहा है वैसा मौका बहुत दिनों बाद आया है। एक बात तय जानिए कि बहुत बुरा होगा तो राजस्थान में प्रेजिडेंट लागू होगा बीजेपी की सरकार किसी कीमत पर नही आएगी। ऐसे में जरूरी है कि कांग्रेस साजिशों की धार और मजबूत कर खुद को चाणक्य का पापा मानने वाले राम श्याम की जोड़ी की हकीकत को सामने लाये। ये कोरोना को अवसर बताते है आप सरकार गिराने के इस अलोकतांत्रिक तरीके को अवसर बनाएं।
लेखक के अपने निजी विचार है