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तो क्या वसुंधरा राजे को मिलेगी कोई बड़ी जिम्मेदारी, संकल्प पत्र प्रबंधन समिति में नहीं मिला स्थान!
कांग्रेस में जहां पिछले लंबे समय से सचिन पायलट की अनदेखी की जा रही थी। वही अब सचिन पायलट को चुनाव से संबंधित समितियों में स्थान दिया जाकर उन्हें संतुष्ट किए जाने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं भाजपा के संपर्क प्रकोष्ठ के मालवीय द्वारा सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट को लेकर मणिपुर में गोली बारी संबंधी टिप्पणी पर अब अशोक गहलोत ने भी राजेश पायलट को कांग्रेस का सम्मानित नेता बताते हुए ट्वीट कर मालवीय को जवाब देकर नाराजगी दिखाई है।जिसका अंदाजा साफ तोर पर लगाया जा सकता है की गहलोत का अब पायलट के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है।
ठीक इसी के विपरीत वसुंधरा राजे के समय-समय पर दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात के बावजूद भी फिलहाल वसुंधरा को लेकर कोई रुझान व्यक्त नहीं किया गया है की वसुंधरा को चुनाव के दौरान क्या जिम्मेदारी दी जाएगी।अलबत्ता आज राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गई चुनाव संकल्प प्रबंधन समिति में वसुंधरा का नाम नहीं होने से कई तरह की राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई है जिसमें वसुंधरा समर्थकों का मानना यह है राजे की शेष नेताओं से भी बातचीत के अनुसार उन्हें चुनाव मैं कोई महत्व पूर्ण भूमिका का दायित्व मिल सकता है।
वही वसुंधरा विरोधी खेमे के सभी गुटों का यह मानना है कि अप चुनाव की बागडोर आज की गई घोषित समिति के पदाधिकारी पर ही रहेगी। संकल्प पत्र कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को संयोजक बनाया गया है। सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर, प्रभुलाल सैनी, राखी राठौड़ को सह संयोजक बनाय गया है। सदस्य के रूप में सुशील कटारा, हिमांशु शर्मा, रतन गाडरी, रामगोपाल सुधार, प्रभु बडालिया, जसवंत विश्नोई, अशोक वर्मा, सीएल मीणा, ममता शर्मा, प्रकाश माली, श्याम सिंह चौहान, मानक चतुर्वेदी, सरदार जसवीर सिंह और डॉ एसएस अग्रवाल को जगह मिली है।वहीं, चुनाव प्रबंधन समिति में नारायण पंचारिया को अध्यक्ष बनाया गया है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सीएम मीणा, कन्हैयालाल बैरवा, राजेंद्र सिंह शेखावत और आनंद शर्मा को सह संयोजक बनाया गया है।