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कांग्रेस का एक विधायक बताओ एक लाख पाओ, जयपुर में भाजपा ने छोड़े बयानों के तीर!
रमेश शर्मा
आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सीपी जोशी के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार प्रदेश की राजधानी जयपुर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ सचिवालय पर प्रदर्शन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की हालांकि इतनी भीड़ नहीं जुटा पाया मगर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अपने भाषण के दौरान उद्बोधन में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। आज के जयपुर में आयोजित होने वाली है भाजपा के इस सचिवालय घेराव कार्यक्रम में 40 से 50 हजार कार्यकर्ताओं के आने की चर्चा थी लेकिन सूत्रों के अनुसार भीड़ निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप नहीं जुट पाई बताइ।
लेकिन भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अपने उद्बोधन के दौरान कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया जिसमें नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तो इतना तक कहा कि जिस प्रकार किसी जमाने में सरकार का नारा था कि चेचक का मरीज बताओ दस हजार इनाम पाओ उसी तरह एक समय आएगा जब कहा जाएगा कि कांग्रेस का विधायक बताओ और एक लाख इनाम पाओ! भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने तो कहा की गहलोत और राहुल गांधी जूते खाने के काम करते है। 1947 में इनकी मोहब्बत की दुकान ने हजारों की जान ली। 1984 में कई सिक्ख मारे गए।
सचिवालय कूच करने से पहले वाटर कैनन से भाजपाइयों को रोका गया। वहीं राजेंद्र राठौड़ और सीपी जोशी सहित कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया। कुल मिलाकर भाजपा ने आज के इस आयोजन के माध्यम से सरकार को घेरने की शुरूआत कर दी। ""नीतीश के मंत्री ने सौंपा स्तिफा। लोक सभा चुनाव में विपक्ष की एकता का झंडा लेकर घूम रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उस समय झटका लगा जब उनके मंत्री मंडल के कैबिनेट मंत्री संतोष मांझी ने नीतीश को मंत्री पद से त्याग पत्र भेज दिया।
आज त्याग पत्र देने के बाद संतोष ने कहा की मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है। मेरे पास विलय करने के लिए प्रस्ताव आया था, कार्यकर्ताओं, विधायकों और सभी से बात की तो सभी ने विलय के लिए मना कर दिया. विलय का प्रस्ताव जेडीयू की तरफ से आया था! इसी को लेकर त्यागपत्र दिया है। वे त्यागपत्र वापस नहीं लेंगे। विपक्षी एकता की बात करने वाले नीतीश कैबिनेट के मंत्री का त्याग पत्र उनके लिए एक चुनौती बन गया। हांलाकी मांझी ने भाजपा में जाने से इंकार किया है। मगर संतोष मांझी भाजपा में जाते है तो नीतीश की विपक्षी एकता पर प्रश्न चिन्ह लग जाएगा!