जयपुर

फाइनेंसर की पत्नी को मारने वाले थे डकैत गोली तब इस कुत्ते ने किया एेसा काम, जान बचाना हुआ चोरों को मुश्किल

Shiv Kumar Mishra
24 Sept 2022 11:50 AM IST
फाइनेंसर की पत्नी को मारने वाले थे डकैत गोली तब इस कुत्ते ने किया एेसा काम, जान बचाना हुआ चोरों को मुश्किल
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जयपुर में पुलिस वाले बनकर डकैती डालने फाइनेंसर के घर में घुसे 6 बदमाशों को पुलिस ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया है। इसमें से तीन बदमाश यूपी और तीन जयपुर के हैं। मास्टरमाइंड 2 बदमाश अब भी फरार हैं। पुलिस ने गैंग के कब्जे से वारदात में यूज बाइक और कार को जब्त किया है। पूछताछ में सामने आया है कि जेल में बैठकर प्रॉपर्टी कारोबारी के घर डकैती डालने की प्लानिंग हुई। फाइनेंसर की पत्नी ने हिम्मत दिखाते हुए बदमाशों से मोर्चा ले लिया। वारदात को अंजाम देने में बाधा बन रही महिला को बदमाश गोली मारने वाले थे। इतने में फैमिली डॉग ने बदमाशों पर हमला बोल दिया और वो फरार हो गए।

DCP (वेस्ट) वंदिता राणा ने कलेक्ट्रेट सर्किल स्थित अपने कार्यालय में शुक्रवार दोपहर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा- डकैती की प्लानिंग करने वाले मास्टर माइंड महेन्द्रगढ़, हरियाणा निवासी विकास उर्फ विक्की रोहिला और गोपाल उर्फ बन्टू की तलाश की जा रही है। गैंग से जुड़े संजीव मीणा उर्फ संजय (23) पुत्र महेश कुमार मीणा निवासी शाहपुरा अमरसर (जयपुर), सरताज (32) पुत्र मेहराज, उसका भाई शाहरुख (26), प्रमोद जाटव (31) पुत्र सूरजभान सिंह निवासी गढ़ मुक्तेश्वर, हापुड़ (उत्तर प्रदेश), विकास रैगर (20) पुत्र चौथमल निवासी गांव गुटामान सिंह रेनवाल (जयपुर), पवन मीणा (20) पुत्र कैलाश चन्द्र मीणा निवासी गांव लालासर रेनवाल (जयपुर) को जयपुर के फुलेरा से गिरफ्तार किया गया है। रेकी व वारदात के दौरान यूज की बाइक-कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी।

जेल में बंद होने के दौरान बनाई प्लानिंग

DCP राणा की मानें तो मास्टरमाइंड विकास उर्फ विक्की और गोपाल उर्फ बन्टू के खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जेल में एक साथ बंद रहने के दौरान उनकी दोस्ती हो गई। वहीं एक बदमाश से बातचीत हुई। उसने बताया कि करधनी के मंगलम सिटी में प्रॉपर्टी कारोबारी और फाइनेंसर भंवर सिंह रहता है। ट्राइटन मॉल से प्रॉपर्टी और फाइनेंस का काम करता है। उसके घर डकैती डालने पर लाखों रुपए कैश और 2-3 Kg सोने-चांदी के गहने मिल सकते हैं। दोनों क्रिमिनल दोस्त विकास और गोपाल ने जेल में बैठकर प्रॉपर्टी कारोबारी के घर डकैती की प्लानिंग बनाई।

जेल से बाहर निकलते ही बनाई टीम

DCP राणा ने बताया कि करीब 2 महीने पहले ही दोनों जेल से छूटकर बाहर आए। विकास ने वैशाली नगर में रहने वाले अपने दोस्त संजय मीणा से कॉन्टैक्ट किया। संजय को कालवाड़ रोड पर रहने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी के घर डकैती की प्लानिंग के बारे में बताया। खो-खो गेम में गोल्ड मेडलिस्ट संजय को बदमाशों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा। उसके बाद उत्तर प्रदेश के शाहरुख, सरताज और ब्यावर अलवर से प्रमोद को डकैती के लिए बुलाया। करीब 2 साल पहले आरोपी शाहरुख जयपुर में ज्वेलरी शोरूम में डकैती डालने में गिरफ्तार हो चुका है।

ब्रिजेश कंवर ने दरवाजे पर खड़े बदमाशों को घर के अंदर नहीं आने दिया। बदमाश जब भी पानी मांगते ब्रिजेश दरवाजे की कुंडी लगाकर अंदर जाती थीं। उनकी इसी सूझ-बूझ से लुटेरे वारदात नहीं कर पाए। तीनों को उल्टे पांव भागना पड़ा।

3 दिन रेकी के बाद डाका डालने पहुंचे

करधनी थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि वारदात को अंजाम देने में बाधा बन रही ब्रिजेश कंवर को बदमाश गोली मारने वाले थे। संजय ने डकैती डालने आए बदमाशों को फुलेरा में अपने बुआ के लड़के पवन और उसके दोस्त विकास के पास रुकवाया। 9 सितंबर से तीन दिन तक लगातार बाइक से फाइनेंसर के घर की रेकी की गई। 13 सितंबर की दोपहर को डकैती डालना तय हुआ। प्लानिंग के तहत 13 सितम्बर को स्विफ्ट कार से चारों बदमाश विकास, गोपाल, सरताज और शाहरुख वैशाली नगर स्थित संजय के घर पहुंचे। वहां गोपाल ने पुलिस की वर्दी पहनी। कार में बैठकर पांचों वहां से रवाना हो गए। कालवाड़ रोड पहुंचने पर संजय मेन रोड पर कार से उतर गया। कार से चारों बदमाश डकैती डालने पहुंच गए।

मारने वाला था गोली, पालतू कुत्ते ने किया अटैक

गोपाल फाइनेंसर के घर के अंदर घुसा। तीनों बदमाश गेट खुलने के इंतजार में कार में बैठे रहे। पानी पीने के बहाने भंवर सिंह की पत्नी ब्रजेश कंवर से गेट खुलवा लिया। इसी दौरान धक्का-मुक्की कर ब्रिजेश का गला दबाकर तीन बदमाश घर में घुस गए। फैमिली डाॅग ने बदमाशों पर अटैक किया। गोपाल गोली चलाने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उसके साथी वहां से भाग गए। यह देख वह भी घबरा गया। चारों बदमाश कार में बैठकर वहां से भाग निकले।

पुलिस को गुमराह करने के लिए बदमाश गलियों में कार को घुमाते-घुमाते फरार हो गए। CCTV फुटेज में कैद बदमाशों की तलाश में पुलिस टीमें जुटीं। स्विफ्ट कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगे होने का पता चला। पुलिस ने कार के कलर और आगे के बिना व्हीलकैप वाले टायरों के आधार पर CCTV फुटेज खंगालने शुरू किए। करीब 100 KM के CCTV फुटेजों को खंगालते हुए पुलिस फुलेरा (जयपुर) के एक मकान पर जा पहुंची। खाली प्लॉट में खड़ी कार मिलने पर संदिग्ध ठिकाने पर दबिश देकर बदमाशों को पकड़ लिया।

चाइनीज ऐप से करते बात

प्लानिंग के तहत पुलिस से बचने की भी पूरी तैयारी की गई थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए कार को गलियों में घुमाते-घुमाते अपने छिपने के ठिकाने पर पहुंचे थे। प्लानिंग के तहत 6 से 15 सितम्बर तक सभी को अपने मोबाइल बंद करने की कहा गया। सभी ने अपने मोबाइल से सिमकार्ड निकाल दिए। ताकि कॉल डिटेल में कुछ न आए। टॉवर लोकेशन से भी पकड़ में नहीं आएंगे। सिमकार्ड निकालने के बाद डॉन्गल से नेट चलाकर चाइनीज ऐप बॉटम के जरिए एक-दूसरे से बातचीत करते थे।

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