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राजस्थान की राजनीति में ग्यारह जून का दिन महत्वपूर्ण, सचिन पायलट को भी पसंद हैं ग्यारह तारीख!
रमेश शर्मा
राजस्थान की राजनीति में 2 दिन बाद याने 11 जून का दिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक और जहां 11 जून को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट द्वारा नई पार्टी के गठन की संभावनाओं की चर्चा जोर शोर से मीडिया में चल रही है वहीं कांग्रेस के आला नेताओं ने इन संभावनाओं को सिरे से नकारते अंकिता जाहिर की है। 29 मई को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खडके और राहुल गांधी की मौजूदगी में 4 घंटे चली बैठक के बाद कांग्रेस में महत्वपूर्ण माने जाने वाले महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया के सामने अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मौजूदगी में यह घोषणा की थी कि दोनों नेता एक साथ रहकर राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए काम करेंगे।
वेणुगोपाल ने दोनों को किस तरह रजामंद किया और सचिन पायलट को कौन सा सम्मानजनक पद दिया जाएगा इस संबंध में कोई पत्ते नहीं खोले मगर ठीक इसके दो दिन बाद सचिन पायलट ने अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक में भ्रष्टाचार पर आवाज उठाने की बात जारी रखने की घोषणा की थी। सचिन पायलट की इस बात के बाद राजनीति में यह कयास लगाए जाने शुरू हो गए कि संभवतः सचिन पायलट अपने पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं! लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक कॉन्ग्रेस के नेता इस बात को सिरे से नकार रहे हैं। बात करें मसूदा विधायक राकेश पारीक की जिन्हे सचिन पायलट ने मसूदा विधानसभा चुनाव के दौरान सुदामा की संज्ञा देते हुए मतदाताओं को उन्हें जिताने की अपील की थी।
उन्ही राकेश पारीक ने 6 जून को अपने जन्मदिन के अवसर पर अजमेर के एक वरिष्ठ पत्रकार से बातचीत करते हुए कहा था कि सचिन पायलट नई पार्टी नहीं बनाएंगे, नई पार्टी बनाए जाने की बात को उन्होंने मात्र अफवाह बताया था। उसी प्रकार 6 जून को ही प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा जब 29 मई को तथाकथित सचिन पायलट और अशोक गहलोत की सुलह के बाद प्रथम बार जयपुर पहुंचे तो जयपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सचिन पायलट कोई नई पार्टी बना रहे हैं यह तो मैं आप लोगों से सुन रहा हूं।
सुखविंदर सिंह ने तो इतना भी कहा कि गहलोत और पायलट के बीच सुलह के लिए समझौते का फार्मूला तैयार हो चुका है जिसे मैं अभी नहीं बताऊंगा। दूसरी तरफ दिल्ली में कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने भी कहा कि मेरी इन दिनों सचिन पायलट से तीन बार फोन पर बात हुई लेकिन उन्होंने मुझसे नई पार्टी बनाने संबंधी कोई बात नहीं करी। और यह भी कहा कि जल्दी ही कोई निर्णय ले लिया जाएगा। इन सबसे अलग हटकर बात की जाए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जैसलमेर दौरे के दौरान यह कहकर कि सचिन पायलट मेरे मित्र हैं और मैं उनकी छोटी उम्र से उनको जानता हूं सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
इन सब राजनीतिक घटनाक्रम संबंधी बयानों से तो यही जाहिर हो सकता है की 11 जून को संभवत सचिन पायलट को कोई सम्मान जनक पद दिया जा सकता है! वैसे भी सचिन पायलट को 11 तारीख पसंद है अगर आप पिछले 3 महीने के घटनाक्रम पर जानते है तो उन्होंने 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर वसुंधरा सरकार के दौरान भ्रष्टाचार की जांच को लेकर 1 दिन का धरना दिया था। वहीं 11 मई को आरपीएससी के पेपर लीक मामले में युवाओं के साथ कुठाराघात के विरोध में अजमेर से जयपुर तक की 5 दिन की पैदल यात्रा की थी। और कब 11 जून को अपने पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं जिसको देखकर यह सब अटकले लगाई जा रही है। देखने वाली बात होगी 11 जून का दिन राजस्थान की राजनीति में क्या संदेश लेकर आता है!