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"धाभाई जी की हवेली में था जनसंघ का पहला प्रदेश मुख्यालय "
"जितेन्द्र सिंह शेखावत"
जनसंघ का गठन करने को लेकर राजस्थान के कार्यकर्त्ता बहुत उतावले थे। राष्ट्रीय जनसंघ की स्थापना के एक माह पहले ही राजस्थान जनसंघ का गठन कर लिया गया था। इस राजनितिक दल जनसंघ का पहला प्रदेश कार्यालय पुरानी विधान सभा के सामने धाभाई जी की हवेली में था।
उन दिनों जनसंघ को आगे बढ़ाने के लिए राष्टीय अध्यक्ष बलराज मधोक का निरंतर जयपुर आना होता था। सन 1952 के चुनाव के समय जयपुर भेजे गए लालकृष्ण आडवाणी नानाजी की हवेली और धाभाई जी की हवेली के जनसंघ कार्यालय में ही रहे। आडवाणी दस साल तक जयपुर में रहकर राजस्थान में पार्टी को आगे बढ़ाने का महत्व पूर्ण काम किया। जनसंघ के पहले अध्यक्ष चिरंजीव लाल मिश्र थे। इनके अलावा भैरों सिंह शेखावत, मदन सिंह दांता, रवि दत्त शर्मा, हरिदत्त गुप्ता, चांद करण शारदा,सतीश चंद्र अग्रवाल, गुमान मल लोढ़ा, जगदीश प्रसाद माथुर, कृष्ण कुमार गोयल, भानु कुमार शास्त्री, अजीत सिंह टोंक आदि अध्यक्ष रहे। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद भंवर लाल शर्मा तीन बार अध्यक्ष रहे।
इसके अलावा ललित किशोर चतुर्वेदी,रामदास अग्रवाल, गुलाब चंद कटारिया, रघुवीर सिंह कौशल आदि अध्यक्ष रहे। जनसंघ के अंतिम अध्यक्ष भानु कुमार शास्त्री के कार्यकाल में आपातकाल लागू हो जाने पर शास्त्री सहित सारे नेता गिरफ्तार कर लिए गए गए । राजस्थान की राजनीति पुस्तक में वरिष्ठ पत्रकार विजय भंडारी ने लिखा है कि जनसंघ की विभिन्न राज्यों में स्थापना के बाद 21 अक्टूबर 1951 को 300 प्रतिनिधियों ने अखिल भारतीय जनसंघ के प्रथम अध्यक्ष पद पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को निर्वाचित किया था। राजस्थान शाखा की स्थापना 13 सितंबर 1951 को जयपुर में पहले ही की जा चुकी थी। जनसंघ की स्थापना के चार महीने बाद ही प्रथम आम चुनाव में विधानसभा के लिए 50 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।30 की जमानत जप्त हो गई और दीपक के चिन्ह पर आठ विधायक जीत सके। यह सभी विधायक राजपूत थे। आठ में से छ विधायक जनसंघ छोड़ कर चले गए। दो विधायक भैरों सिंह शेखावत तथा जगत सिंह झाला ने पार्टी को नही छोड़ा।
दूसरे आम चुनाव में जनसंघ ने 47 उम्मीदवारी खड़े किए। उनमें से केवल छ चुने गए । सन 1952 में लोकसभा के लिए जनसंघ ने चार उम्मीदवार खड़े किए थे । चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के मानिक लाल वर्मा को जनसंघ के उमाशंकर त्रिवेदी ने हरा दिया था। शेष तीनों हार गए थे । 1957 में जनसंघ ने लोकसभा के लिए 6 प्रत्याशी खड़े किए थे। एक भी सीट नहीं मिली। सन 1962 के चुनाव में जनसंघ ने विधानसभा के लिए 94 उम्मीदवार उतारे , जिनमें से 15 विधायक बने । सन 1957 में जनसंघ के टिकट पर एक मुसलमान अब्दुल जब्बार चित्तौड़गढ़ जिले से विधायक बना था। भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के मुताबिक धाभाई जी की हवेली के बाद जनसंघ का प्रदेश मुख्यालय बरसों तक एम एल ए क्वॉर्टर में रहा।