जयपुर

पायलट की जन संघर्ष यात्रा को लेकर हाईकमान गंभीर, बजाय पायलट पर कार्यवाही होने के मिल सकती है कोई बड़ी जिम्मेदारी

Shiv Kumar Mishra
15 May 2023 1:27 PM IST
पायलट की जन संघर्ष यात्रा को लेकर हाईकमान गंभीर, बजाय पायलट पर कार्यवाही होने के मिल सकती है कोई बड़ी जिम्मेदारी
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रमेश शर्मा

कर्नाटक प्रदेश में विधानसभा के चुनाव परिणाम के बाद अब एक बार कांग्रेस की राजनीति फिर से उबर कर सख्ती के रूप से सामने आएगी, वैसे तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा था कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने जमकर मशक्कत की। लेकिन बताया जाता है कि इसमें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी असर दिखाई दिया यह भी बताया जाता है कि जिन जिन क्षेत्रों में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पहुंची वहां भाजपा का कोई प्रत्याशी विधायक नहीं बन सका।

मैनें जिस दिन कर्नाटक विधानसभा का चुनाव परिणाम आया था उसी दिन अपने ब्लॉग में लिखा कि था कि कर्नाटक मैं विधानसभा चुनाव का परिणाम कॉन्ग्रेस के लिए संजीवनी बन कर सामने आया है इसके साथ ही आने वाले राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़ में भी अब कांग्रेस काफी विश्वास के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। पिछले 4 वर्षों से राजस्थान की कांग्रेस की दो नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई को भी अब सख्ती और शक्ति से विराम की ओर टर्न किया जाएगा। यह बताने की जरूरत नहीं की सचिन पायलट राहुल गांधी और प्रियंका के नजदीकी लोगों की सूची में है। इसके बावजूद भी सचिन पायलट को कांग्रेस में अहम भूमिका का दायित्व नहीं दिए जाने के बावजूद भी पायलट ने अपना धैर्य नहीं खोया।

मुख्य मंत्री गहलोत की नजर में भले ही पायलट नकारा और निकम्मा रहे हो लेकिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा ने आलाकमान को सचेत कर दिया है कि बिना पायलट के राजस्थान की सरकार रिपीट होने की संभावना रखना धोखा हो सकता है। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि आज सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा के जयपुर में समाप्त हो जाने के बाद अगले एक-दो दिनों में पायलट के साथ राहुल और खड़के की एक मुलाकात हो सकती है जिसमें पायलट को धैर्य रखने के लिए पुरुस्कार स्वरूप अच्छे दायित्व दिए जाने की पेशकश की जा सकती है।

इस बात का संकेत इस बात से भी मिलता है कि अब कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के भी सुर बदले हैं, उन्होंने कहा कि मेरे पिता और सचिन के पिता अच्छे मित्र थे। दोनों परिवार के बीच आज भी अच्छे रिश्ते हैं। सचिन मेरे छोटे भाई की तरह हैं।मैं उन्हें अपने साथ लेकर चलने की कोशिश करूंगा। सचिन की शिकायतों को लेकर मैं उनसे बैठकर बात करूंगा, लेकिन पहले क्या हुआ, उस पर बातचीत संभव नहीं है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान कांग्रेस के सियासी संकट पर आलाकमान कर्नाटक परिणाम से मिली नई शक्ति और सख्ती से पार्टी हित में कोई निर्णय लेकर अपने स्तर पर ही राजस्थान के सियासी संकट को समाप्त करेगा! देखने वाली बात यह होगी कि पायलट की आलाकमान के साथ मुलाकात होती है या नहीं होती है और कब और किस माहौल में होती है!

Shiv Kumar Mishra

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