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सरकारी पदों पर काबिज होने के लिए मीडियाकर्मियों में जबरदस्त घमासान
प्रशासनिक सेवा से रिटायर्ड अफसरों में जिस तरह पद हथियाने की होड़ मची हुई है, उसी प्रकार आजकल पत्रकार भी सरकारी पदों पर काबिज होने के लिए राजनेताओं की दहलीज पर ढोक देने जा रहे है । इनमे से कई पत्रकार तो ऐसे है जो पत्रकारिता कम और सरकारी पदों को लपकने ज्यादा समय व्यतीत हो रहा है ।
सेवानिवृति के बाद प्रशासनिक और पुलिस अफसरों में मलाई चाटने की रस्म कुछ ज्यादा ही चल पड़ी है । इस रस्म अदायगी के चलते अफसर सेवा में रहते हुए राजनेताओं के तलुए चाटते रहते है ताकि रिटायरमेंट के बाद भी पहले जैसा रुतबा कायम रह सके । निश्चय ही इस प्रवृत्ति की वजह से अफसर लोग अपने कर्तव्यों को सही अंजाम नही दे पाते है ।
कमोबेश पत्रकारिता का भी अब यही हाल है । आम जनता का मीडिया पर दिनों दिन भरोसा उठता ही जा रहा है । निष्पक्ष मीडिया आजकल बिकाऊ या गोदी मीडिया के नाम से विख्यात है । दरअसल जब से हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पत्रकारों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति हुई थी, उसके बाद इस जमात के लोग सरकारी पदों के लिए ज्यादा सक्रिय होगये है । श्रमजीवी कहे जाने वाला मीडिया आज विश्रमजीवी और सुविधाभोगी होता जा रहा है ।
हकीकत यह है कि जब समाज मे गिरावट आती है तो हर वर्ग प्रभावित होता है । मीडिया भी इसी समाज का अंग है । भला वह गिरावट से अछूता कैसे रह सकता है ? जब खुलेआम लूट मची है तो पत्रकार भी पत्रकारिता को तिलांजलि देकर लूट में शरीक होते जा रहे है ।
हाल ही में सूचना आयुक्त के पद की नियुक्ति के लिए सेवानिवृत प्रशासनिक एवं पुलिस अफसरों ने तो हिस्सा लिया ही, पत्रकार भी इस यज्ञ में आहूति देने के भारी तादाद में कूद पड़े । केवल नारायण बारेठ ही इस रेस में सफल रहे । अन्य पत्रकार जैसे लल्लू लाल शर्मा, गोविंद चतुर्वेदी, अजय ढड्ढा, नरेंद्र चतुर्वेदी, उमेन्द्र दाधीच, प्रतुल सिन्हा, संजय सैनी, मिथलेश जैमिनी, योगेंद्र शर्मा, भूपेंद्र ओझा, नलिन कुमार, राजीव जैन, महादेव प्रसाद तथा किशोर शर्मा पराजित होगये । पत्रकारिता से ताल्लुक रखने विख्यात पत्रकार जसवंत राठी ने सूचना आयुक्त के लिए दो बार आवेदन किया । लेकिन उन्हें सफलता हासिल नही हुई । वे राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बनने में कामयाब रहे ।
पुलिस एवं प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारियों में जमकर प्रतिस्पर्धा रही । लोगों ने दिल्ली तक से फोन करवाये । मगर बाजी डीबी गुप्ता ने मारी । सेवानिवृत अफसरों में मुख्य सूचना आयुक्त और सदस्य बनने के लिए दर्जनों लोगों ने आवेदन किया था । अब भी अफसर और पत्रकार अन्य पद हथियाने के लिए पंगत लगाए खड़े है । रिटायर्ड आईपीएस हरिप्रसाद शर्मा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष नियुक्त होने में सफल रहे । आने वाले दिनों में कुछ और पदों पर पत्रकार और अफसर नियुक्त हो सकते है । आवेदकों की सूची संलग्न है ।