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भजनलाल की सरकार पर होगा जोरदार हमला,प्रदेश में कानून और व्यवस्था के हालत चौपट
राहुल गांधी के आक्रामक तेवर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पहली बार बचाव की मुद्रा में दिखाई दिए । राहुल के संसद में तीखे भाषण ने मोदी की अकड़ ढीली करदी । पिछले दस साल में मोदी को अहसास होगया कि विपक्ष की अब अनदेखी नही की जा सकती है । खुद नरेंद्र मोदी को उठकर जवाब देने के लिए विवश होना पड़ा और लोकसभा अध्यक्ष भी असहाय से नजर आए ।
आज राहुल गांधी का सरकार पर हमला काबिले तारीफ रहा । इससे समूची कांग्रेस में नए उत्साह का संचार हुआ है । इसकी झलक राजस्थान की विधानसभा में भी दिखाई देने वाली है । कांग्रेस एकजुट होकर भजनलाल सरकार पर करारा हमला करने की रणनीति तैयार कर रहे है । यह सही है कि भजनलाल शर्मा में काम करने की ललक है । लेकिन प्रशासनिक तजुर्बे के अभाव में उनकी सरकार अपेक्षाकृत गतिशील नही होकर केवल घिसट रही है ।
विधानसभा सत्र में विपक्ष द्वारा भजनलाल सरकार निष्क्रियता और प्रशासनिक सुस्ती पर तो प्रहार किया ही जाएगा, इसके अलावा मुख्य सचिव सुधांश पन्त भी विपक्ष के निशाने पर रहने वाले है । दरअसल प्रशासनिक अमले में जबरदस्त दरार है । अनेक अफसर ऐसे है जो पन्त की कार्यशैली से खफा है । विरोधी भी मानते है कि पन्त में काम करने का जज्बा है और वे बेईमान अफसरों में शुमार नही है । लेकिन उनकी पसंद के कुछ अफसर कसौटी पर खरे नही उतर रहे है जिससे भजनलाल सरकार की जबरदस्त किरकरी हो रही है ।
भजनलाल ईमानदार हो सकते है, लेकिन उनके अफसर पहले की तरह भ्रस्टाचार में गोते लगा रहे है । कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहद नाजुक है । प्रदेश की राजधानी जयपुर में कानून और व्यवस्था पूरी तरह चौपट है । लोग यही मानते थे कि गहलोत राज में ही पूरी व्यवस्था धाराशायी थी । लेकिन अब तो हालत पहले से कहीं ज्यादा बदतर है । रात के आठ बजे बाद शराब की दुकानों पर कानून और व्यवस्था की होली को जलते देखा जा सकता है । ऐसा लगता है कि राजधानी में रात के आठ बजे बाद प्रसासन गहरी नींद के आगोश में समा जाता है ।
बेरोजगारी, भ्रस्टाचार, प्रशासनिक निष्क्रियता के अलावा कई ऐसे मुद्दे है, जिन्हें विपक्ष उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा । बजरी और शराब माफिया की दादागिरी, पेपर लीक के मामले में सरकार की विफलता, पुलिस अफसर द्वारा महिला के साथ बैडमिंटन खेलना, जयपुर शहर के भीतरी इलाको में बढ़ते अतिक्रमण आदि को लेकर सरकार की मुसीबत बढ़ सकती है । राहुल का जोश निश्चित रूप से राजस्थान की विधानसभा में देखने को मिलने वाला है ।
सरकार को बने 6 माह बीत गए । न किसी कमेटी का गठन हुआ और न ही आयोग आदि में नियुक्तियां हुई । पेपर लीक का तमाशा पहले की तरह जारी है । अफसरों में काम के प्रति उत्साह नही है । कमोबेश यही हाल मंत्रियों का है । सब की स्थिति किरोड़ी जैसी है । प्रशासन को आज भी पर्दे के पीछे से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे संचालित कर रही है । निश्चित रूप से सरकार की निष्क्रियता को लेकर विपक्ष जोरदार हमला करते हुए पूरी तरह घेरने का प्रयास करेगा । नौजवान विधायक सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जुली के तीखे हमले देखने को मिलेंगे ।