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राजस्थान कांग्रेस में होगा कुछ बदलाव, जोशी के त्याग पत्र और पारीक और रघु की मुलाकात के क्या मायने?
राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बदले, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बदले मगर नहीं आया सियासी संकट में बदलाव। वर्तमान विधानसभा के लिए हुए चुनाव का कार्यकाल लगभग पूरा होने की ओर तेजी से रुख कर रहा है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई खींचतान इन 4 सालों से भी अधिक समय में समाप्त नहीं हो पाई है।
चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस कांग्रेस आलाकमान को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी खुद गांधी परिवार है गहलोत और पायलट के नाम को लेकर अलग-अलग विचार रखे हुए थे। लेकिन जैसे भी हो गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को डिप्टी सीएम बना कर प्रदेश में सरकार का तो गठन हो गया लेकिन खींचतान समाप्त नहीं हो पाई। सब से बड़ी बात तो यह है कि उतार चढ़ाव आने के बाद भले ही गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहे लेकिन सरकार संशय के साथ कार्यकाल के आखिरी पड़ाव तक आ पहुंची।
पिछली बातों को छोड़कर अभी 3 दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम की तरफ जान दे तो वह महेश जोशी से मुख्य सचेतक पद से त्यागपत्र लिया जाना या दिया जाना कई संदेश दे रहा है। प्रथम यह की यह एक सामान्य रूप से त्यागपत्र की बात रही हो या फिर 25 सितंबर की घटना को लेकर चीफ व्हिप के पद पर रहते हुए किसी घटना होने के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया तीसरी बात यह है कि एक पद एक व्यक्ति वाली बात हो। लेकिन यह तीनों ही बातें वास्तविकता वाली बात नहीं हो सकती चर्चा यह है कि जिन तीन लोगों को एक ही मामले में जिम्मेदार माना गया हो तो फिर कार्यवाही एक पर क्यों? इसको लेकर यह चर्चा है जोशी से त्यागपत्र लेकर शायद यह जानने की कोशिश की गई कि जोशी के त्यागपत्र देने से बाद में कोई विवाद की स्थिति तो नहीं बन पाती हो। दूसरा यह है कि अजय माकन की नाराजगी दूर करने का प्रयास हो। जो भी हो त्यागपत्र के बाद पर्यवेक्षक सहित अन्य नेताओं ने इस मामले में अलग अलग बातें कहीं है।
कुछ लोगों का मानना है कि हाल ही में एक बार फिर सचिन पायलट द्वारा आलाकमान को राजस्थान के मामले में कुछ निर्णय लेके की बात कही जाने के जवाब में यह शुरुआत की गई हो।। जो भी बात रही हो लेकिन पायलट के एक समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने तो यह भी आशा व्यक्त की कि कांग्रेस के रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद ताजपोशी होगी। उधर अजमेर जिले के दो विधायकों का रविवार को मुलाकात का एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें पायलट के कट्टर समर्थक राकेश पारीक के पैतृक आवास में पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और पारीक और पारीक एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर भी सियासी चर्चा ही जबरदस्त चल में है कुछ लोगों का मानना यह है कि यह प्रदेश स्तर की राजनीति पर कुछ मंथन रखा हुआ होगा।
वहीं अजमेर जिले में कांग्रेस के दो विधायक रहते हुए भी गहलोत के खास नेता के जिले राजनीति में सक्रिय होने को लेकर भी चर्चा होना माना जा रहा है।। वही यह भी कहा जा रहा है की दोनों नेताओं की सामान्य मुलाकात थी। हालांकि ऐसा ही अवसर एक बार जब भी आया था जब खुद सचिन पायलट अचानक मिलते प्रताप सिंह खाचरियावास के निवास स्थान पर पहुंच गए थे तभी कई अटकलें निकली थी लेकिन अभी तक अटकलें केवल अटकलें ही साबित हुई है। देखने वाली बात होगी कि जोशी के बाद क्या धर्मेंद्र राठौड़ और धारीवाल पर भी कोई एक्शन होगा। दूसरा यह की कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद क्या राजस्थान में कुछ नया दृश्य देखने को मिलेगा इसके साथ ही तीसरी बात यह है कि रघु शर्मा और राकेश पारीक की मुलाकात क्या वास्तव में औपचारिक मुलाकात सिद्ध होगी या फिर और कुछ नई बात निकल कर सामने आयेगी।