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Rajsthan News: कल ही गहलोत हो जायेंगे वसुंधरा राजे के बराबर, अब कौन निकलेगा आगे!
रमेश शर्मा
कहते है पूत के पग पालने में ही संकेत देते है की पूत कैसा होगा। यही बात अब कल राजस्थान की कांग्रेस सरकार के आखरी बजट को लेकर महसूस की जा सकती है। अनुमन किसी भी सरकार का प्रस्तावित बजट मार्च माह में पटल पर रखा जाता है। मगर समझा जाता है कि राजस्थान में पार्टी की गुट बाजी को लेकर फरवरी माह के शुरुआती दिनों में किया जाना तय हुआ था और उसी को लेकर धुरंधर राजनीतिज्ञ और जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत कल विधानसभा में अपना बजट प्रस्तुत करेंगे। चुनावी वर्ष होने के चलते इस बजट को लेकर हर वर्ग अपने लिए भी कुछ ना कुछ मिलने की उम्मीद जुटाए बैठा हुआ है। बजट में वैसे तो बहुत सारी घोषणा ऐसी होगी जो लोकलुभावन और हर व्यक्ति या परिवार को खुश करने वाली हो सकती है!
लेकिन सबसे बड़ी सौगात ओल्ड पेंशन योजना की होगी जो सरकार ने पहले बंद कर दी थी। ओल्ड पेंशन योजना केवल राजस्थान में ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी चर्चाओं में है। दूसरी अगर बात करें तो वह उन लोगों के लिए खुशियां ला सकती है जिसमें भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सरकार द्वारा वृद्धजनों और निसहायों को दी जाने वाली मासिक पेंशन ₹10000 करने की इच्छा व्य
क्ति की थी। माना जा रहा है कि यह सौगात पेंशन धारियों को मिल सकती है! पिछले वर्ष केजरीवाल की पॉलिसी के तहत पंजाब चुनाव में भी मुफ्त बिजली जैसी घोषणाओं के बाद पंजाब में आप पार्टी की सरकार बनी थी। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले बजट में एक स्लैब के अनुसार हर वर्ग को बिजली के बिल में छूट देने की घोषणा की थी जो अभी राजस्थान के लोगों को मिल रही है। उम्मीद है कि प्रस्तावित बजट में छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है तथा किसानों को भी विशेष राहत पहुंचाई जा सकती है! इसके साथ ही छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कोई घोषणा की जा सकती है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि मुख्यमंत्री ने बजट के बाद राजस्थान का कोई भी क्षेत्रवासी नाराज नहीं हो इसको लेकर उन्होंने हर विधायक से प्राथमिकता से बजट में उनके प्रस्ताव मांगे थे जिससे अगर कोई उस क्षेत्र की मांग बजट में घोषणा होने से बाकी रह जाए तो उसके लिए सरकार उसे कोई नाराज नहीं रहे। जहां तक जिलों की बात है नए जिले स्थापित करने के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी के पास बताया जाता है कि अभी भी पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं है। जबकि कमेटी हर जनप्रतिनिधि से लगातार संपर्क में बताई जाती है! ऐसे मैं जिले बनाने की बात को लेकर सस्पेंस बरकरार है!
लेकिन गहलोत का जादू किस रूप में कहां और किस को क्या सौगात दे दे सबको बेसब्री से इंतजार है। विशेष बात यह भी है कि अब गहलोत कल बजट पेश करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बराबर हो जायेंगे। राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए वित्त मंत्री की हैसियत से राजस्थान में 10 बजट पेश किए वहीं गहलोत भी वित्त मंत्री के रूप में कल दसवां बजट पेश करेंगे।। कुल मिलाकर अब जादू की पोटली खुलने का काउंटडाउन कुछ ही घंटों का शेष रहा है। देखने वाली बात यह होगी कि खुलने वाली पोटली में किस-किस को क्या क्या सौगात मिलेगी?