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वसुंधरा राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय, जेएमएम के गढ़ में दी सोरेन को चुनौती! पुनिया 75 विधायकों में!
रमेश शर्मा
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अचानक से राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गई है। राजे समर्थक राजस्थान विधान सभा चुनाव में राजे को लगातार सीएम के चेहरे के रूप में देखना चाहते है। पिछले कुछ समय से राजे खुद भी धार्मिक स्थानों के दर्शन के साथ ही प्रदेश में कई क्षेत्रों में दौरे कर चुकी है।
19 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर यात्रा के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा सहित संगठन महासचिव बी संतोष से मुलाकात के बाद राजे पहले झारखंड में पहुंच कर देवघर स्थित बैजनाथ धाम ज्योतिर्लिंग में पूजा अर्चना की जिसके बाद वे प्रधान मंत्री मोदी के पीएम के रूप में नौ साल पूरे होने पर देश भर में चल रहे कार्यक्रमों के तहत झारखंड के गिरिडीह दौरे पर रही जहां उन्होंने झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मौरचा के नेताओं आड़े हाथों लिया। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है।
राजे ने झारखंड में भ्रष्टाचार और एंटी इनकंबेंसी के मुद्दे को उठाते हुए हेमंत सोरेन के सामने सत्ता बचाने की खुली चुनौती दे डाली। वसुंधरा सहित अन्य भाजपा नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों का शंखनाद करते हुए जेएमएम के गढ़ में ही हमला बोल कर चुनाव का बिगुल बजा दिया। राजे के इस दौरे को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे है। मगर राजे ने अचानक राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के लिए सक्रियता से झारखंड जैसे प्रदेश राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सब को चकित कर दिया।
"" सतीश पूनिया देश के हजारों विधायको में 75 नामों में शामिल""
नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने मुंबई में आयोजित देश भर के विधायकों के एक दो दिवसीय सम्मेलन में नया रिकॉर्ड बना डाला। सम्मेलन में पुनिया ने हजारों विधायकों में से 75 बेहतर विधायकों में अपना नाम शामिल करवा लिया। सम्मेलन में कई मंत्री और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने भी वीसी के माध्यम से इस सम्मेलन को संबोधित किया था। सतीश पूनियां इस अवार्ड के लिए चुने वाले राजस्थान के अकेले विधायक हैं। यह कार्यक्रम मुंबई में दो दिन तक चला और उसमें देश भर से कुल तीन हजार विधायकों के शामिल हुए। इतना ही नहीं इस मौके पर प्रकाशित एक स्मारिका में भी उनके वक्तव्य को स्थान मिला! भले ही पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष के बाद उप नेता प्रतिपक्ष के रूप में ही सब्र करना पड़ा हो मगर पुनिया ने 75 वा स्थान प्राप्त कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।