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राज्यपाल को टोपी पहनाकर टकनेत उड़न छू, राजभवन सांप मरने के बाद पीट रहा है लकीर
अपनी पटाने की शैली के लिए विख्यात डीके तकनेट राज्यपाल कलराज मिश्र को टोपी पहनाकर उड़न छू होगया है । सांप मरने के बाद लकीर पीटने की स्टाइल में राजभवन द्वारा इसके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है । कार्रवाई क्या होगी, यह अभी तय नही है ।
अगर राजभवन द्वारा तकनेट के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो खुद राज्यपाल कलराज मिश्र, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी चपेट में आ सकते है । इन लोगों की उपस्थिति में राजभवन परिसर में लूट का खेल कई घंटों तक चलता रहा ।
राजभवन की ओर से भले ही यह सफाई दी जा रही हो कि टकनेत की कारगुजारियों से उसका कोई ताल्लुक नही है । जबकि हकीकत यह है कि राज्यपाल के एक ओएसडी की निगरानी और निर्देश पर ही राजस्थान से आये कुलपतियों को जबरन किताब बेचने का धंधा किया गया । ओएसडी ने ही सभी कुलपतियों के मोबाइल और गाड़ी नम्बर टकनेत को मुहैया कराए ।
ज्ञातव्य है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन्ड इंटरप्रन्योर के कर्ता धर्ता डीके टकनेत द्वारा संपादित "मैं निमित मात्र हूँ" पुस्तक को जबरन प्रदेश के सभी कुलपतियों को बेचने का समाचार सबसे पहले फेसबुक पर चला था । बाद में इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस समाचार को प्रकाशित किया तो हड़कम्प मच गया ।
यह पुस्तक राज्यपाल की जीवनी है जिसका भव्य रूप से विमोचन किया गया । समारोह में खुद राज्यपाल के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, सीएम अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने शिरकत की । यद्यपि निमन्त्रण पत्र आईआईएमई की ओर से भेजे गए थे । लेकिन सभी अतिथियों को आमंत्रित करने का कार्य स्वयं राज्यपाल और राजभवन ने किया ।
शेखावटी में 1958 को जन्में डीके टकनेत की योग्यता पर किसी को संदेह नही होना चाहिए । उच्च शिक्षित टकनेत का हिंदी और अंग्रेजी पर काफी अच्छा कमांड है । शेखावटी, मारवाड़ी तथा बिड़ला परिवार पर ये कई किताब लिख चुके है । इनके द्वारा लिखित पुस्तक "स्वान्त सुखाय" को खूब सराहना मिली । ये बिड़ला मन्दिर के ट्रस्टी भी है और इनका कैम्प कार्यालय बिड़ला मन्दिर में है ।
आकर्षक व्यक्तित्व वाले टकनेत किसी को भी एक मिनट में पटाने की कला में पारंगत है । इसलिए राज्यपाल और लोकसभा अध्यक्ष भी इसकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ गए । टकनेत के अनेक राजनेताओ और उद्योगपतियों से निकट के सम्बंध रहे है । स्व अटल बिहारी वाजपेयी, स्व भैरोसिंह गुर्जर, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और अरबो रुपये के घोटाले के आरोप में जेल जाने वाली चन्दा कोचर भी टकनेत की फैन है ।
अपने राजनीतिक और सामाजिक ताल्लुकात के चलते टकनेत ने अपनी संस्था "इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मारवाड़ी इंटरप्रयोनर" के नाम पर जेडीए से झालाना में 15453 वर्ग मीटर जमीन 12 नवम्बर, 92 को कोड़ियों के भाव आवंटित कराई । कुछ जमीन की कीमत 75 रुपये वर्ग मीटर थी तो कुछ भूमि 1 रुपये की टोकन मनी पर हासिल की । यह जमीन कैसे आवंटित हुई, जांच का विषय है । भूमि का आवंटन "इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मारवाड़ी एन्त्रप्रयोनरशिप" को हुई थी । अब जमीन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन्त्रप्रयोनरशिप के पास कैसे चली गई, यह भी पड़ताल का विषय है ।
राजभवन का कहना कि वह टकनेत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है । सवाल यह उतपन्न होता है कि मुकदमा दर्ज किस धारा में होगा ? टकनेत ने स्पस्ट रूप से कोई धोखाधड़ी नही की है । यदि की है तो राज्यपाल कलराज मिश्र भी सह अभिययुक्त होंगे । ज्ञात हुआ है कि टकनेत द्वारा पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा और सचिन पायलट पर भी किताब लिखने का विचार है ।