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महेश झालानी
कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट की पैरवी करने वाली प्रियंका और राहुल से पूछा कि सचिन के कारण पार्टी की प्रतिष्ठा को जो आघात पहुंचा है, उसकी भरपाई कैसे होगी ? दोनों इस सवाल का जवाब नही दे पाए।
राहुल व प्रियंका ने स्वीकार किया कि सचिन की हरकत किसी भी दृष्टि से क्षम्य नही है। फिर भी पार्टी में आये अवरोध के लिए पायलट की वापसी के बारे में विचार करना उचित कदम होगा। आलाकमान सोनिया गांधी ने फिलहाल इस बारे में कोई स्पस्ट संकेत नही दिया है।
पता चला है कि बातचीत की पहल केसी वेणुगोपाल की पहल पर हो रही है। वेणुगोपाल और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल नही चाहते है कि पायलट को वापिस लिया जाए। लेकिन पार्टी संकट के लिए कोई रास्ता निकालना अनिवार्य हो गया है। इसलिए नही चाहते हुए भी ये दोनों हस्तक्षेप कर रहे है।
यह भी ज्ञात हुआ है कि प्रियंका ने बहुत ही तल्ख शब्दों में पायलट को पार्टी से बगावत करने के लिए लताड़ पिलाई। प्रियंका का कहना था कि जो पेड़ आपको छांव दे रहा था, आपने उसको ही काटने का दुस्साहस किया। प्रियंका की बात सुनकर भावुक होकर पायलट फूट फूट कर रोने लग गए। उंन्होने स्वीकार किया कि भावावेश में उंन्होने यह कदम उठाया था। उम्मीद जताई जा रही है कि कल तक सभी बागी विधायक जयपुर लौट सकते है।
वहीं राजस्थान में सियासी हालात तेजी से बदल रहे हैं। गहलोत सरकार से बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की. वहीं, पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल शर्मा भी सोमवार की शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात के बाद पायलट समर्थक विधायक भंवरलाल ने कहा कि सरकार सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।
भंवरलाल शर्मा ने कहा कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि पार्टी एक परिवार है और अशोक गहलोत उसके मुखिया। पायलट समर्थक विधायक ने कहा कि जब परिवार में कोई नाराज होता है तो वो खाना नहीं खाता। हमने एक महीने तक नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब नाराजगी दूर हो गई है। भंवरलाल शर्मा ने कहा कि पार्टी अब जनता से किए गए वादे पूरा करेगी।