जयपुर

राजस्थान में "राम किशोर व्यास" मुख्य मंत्री क्यों नहीं बन सके? जानिए कांग्रेस अध्यक्षों का इतिहास

Shiv Kumar Mishra
22 Nov 2023 11:17 AM IST
राजस्थान में राम किशोर व्यास मुख्य मंत्री क्यों नहीं बन सके? जानिए कांग्रेस अध्यक्षों का इतिहास
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Why could "Ram Kishore Vyas" not become the Chief Minister of Rajasthan? Know the history of Congress Presidents

जितेन्द्र सिंह शेखावत

आजादी के आंदोलन की कोंख से जन्मी राजस्थान की कांग्रेस के संगठन का इतिहास संघर्ष के साथ लम्बे समय तक प्रदेश में शासन करने का रहा है।

प्रदेश में कांग्रेस की स्थापना सन् 1948 में हुई थी। सर्वोदय नेता रहे गोकुल भाई भट्ट को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष होने का गौरव मिला। मनोनीत प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री का समर्थक होने से उठे विवाद की वजह से उनके हटने पर दिग्गज नेता जय नारायण व्यास को अध्यक्ष बनाया गया था। व्यास के मुख्य मंत्री बनने के बाद माणिक लाल वर्मा ने सन 1952 तक कांग्रेस अध्यक्ष पद को संभाला। सन 1952 के पहले चुनाव में हारने पर वर्मा ने त्यागपत्र दे दिया था। इनके बाद मास्टर आदित्येंद्र सन 1956 तक अध्यक्ष रहे। सन 1977 में आदित्येंद्र ने मुख्यमंत्री पद के लिए भैरों सिंह शेखावत के सामने चुनाव भी लड़ा था।

वरिष्ठ पत्रकार विजय भंडारी ने राजनीति का इतिहास पुस्तक में लिखा है कि अलवर मत्स्य प्रदेश के नेता रहे शोभाराम और मारवाड़ के मथुरा दास माथुर भी कांग्रेस अध्यक्ष रहे। सन 1957 के चुनाव में शेखावाटी के किसान नेता सरदार हरलाल सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान संभाली।

मुख्य मंत्री रहे हरिदेव जोशी ने भी अध्यक्ष पद रहकर संगठन को मजबूत किया। जयपुर के दिग्गज कांग्रेस नेता राम किशोर व्यास के बाद किसान नेता नाथूराम मिर्धा चार साल तक अध्यक्ष रहे। इनके बाद लक्ष्मी कुमारी चुंडावत अध्यक्ष रही।

सन 1972 में कांग्रेस के 145 विधायक जीते तब गिरधारी लाल व्यास अध्यक्ष बने।

सन 1977 में कांग्रेस के हारने के बाद संगठन का पुनर्गठन कर नाथूराम मिर्धा को अध्यक्ष बनाया गया। सन 1978 में कांग्रेस विभाजन हुआ तब 15 जनवरी 1978 को रामलीला मैदान में हुए कांग्रेस सम्मेलन में इंदिरा गांधी आई । तब रामकिशोर व्यास प्रदेश अध्यक्ष थे सम्मेलन में एनएसयूआई के अध्यक्ष अशोक गहलोत शामिल नहीं हुए। 1982 में जयपुर के रामकिशोर व्यास को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा रही लेकिन वे चुनाव हार गए तब उन्हें पांडिचेरी का राज्यपाल बनाया गया।

कौन है राम किशोर व्यास

पंडित राम किशोर व्यास अपनी मृत्यु से पहले एक स्वतंत्रता सेनानी और राजस्थान राज्य के वरिष्ठ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता थे। 23 मई 1908 को जयपुर में पंडित लादूराम के घर जन्म । उन्होंने 1980 में पांडिचेरी के उपराज्यपाल , 1972-1977 तक राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष , राजस्थान के गृह मंत्री, तीन बार राजस्थान प्रदेश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया ।

उन्होंने हवामहल और चोमू राजस्थान विधानसभा क्षेत्रों का दो-दो बार प्रतिनिधित्व किया। 16 अप्रैल 1981 को जयपुर में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। भारत के गृह मंत्री बूटा सिंह ने प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की । उनके बेटे रमाकांत व्यास और राधे कांत शर्मा 2008 में उपाध्यक्ष और 1998 में महासचिव सहित आरपीसीसी में विभिन्न पदों पर रहे और राधे कांत शर्मा एक आईएएस अधिकारी थे, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे, लेकिन बाद में 2017 में मामला समाप्त कर दिया गया क्योंकि 2011 में उनकी मृत्यु हो गई।उनके पोते रूपेश कांत व्यास फरवरी 2016 से राजस्थान राज्य कांग्रेस के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं।

1980 के बाद शेखावाटी के रामनारायण चौधरी और फिर परसराम मदेरणा अध्यक्ष बने। अशोक गहलोत भी चार साल अध्यक्ष रहे । सन 2004 तक गिरिजा व्यास अध्यक्ष रही।

चौधरी नारायण सिंह के बाद बीडी कल्ला अध्यक्ष बने।

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