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Rajsthan News: कौन होगा चेहरा, कब होगी पहली सूची जारी, अमित शाह और नड्डा की जयपुर में भारी मशक्कत के बाद आखिर क्यों हो रही सूची लेट
Rajsthan News: भारतीय जनता पार्टी ने जहां छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों की आंशिक सुचिया जारी कर दी है। वही राजस्थान में पहली सूची को लेकर ही कसम कश जारी है। खुद अमित शाह और जेपी नड्डा 2 दिन पहले अचानक बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के जयपुर पहुंचे जहां बैठकों का लगातार दौर जारी होने के बावजूद भी दोनों ही नेता कोई अंतिम निर्णय नन्ही ले पाए। समझा जाता है कि भाजपा किसी भी हालत में राजस्थान में सत्ता में लौटना चाहती है यही कारण है कि एक-एक सीट पर बारीकी से प्लस माइनस कर निगाहें डाली हुई है।
मध्य प्रदेश में तो जो फार्मूला शुरू किया है उसके तहत कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों तक को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित किया गया है। उसी तर्ज पर राजस्थान में भी यह फार्मूला अपनाया जा सकता है! चर्चा है कि खुद प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को भी चित्तौड़ से विधायक का चुनाव लड़ाया जाने पर मंथन हो रहा है। इसके अलावा इसके अलावा कुछ मंत्री और सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतर जा सकता है।। अगर ऐसा होता है तो वर्तमान भाजपा विधायकों में से लगभग एक दर्जन विधायक होते टिकट काटे जा सकते हैं जिन में वो क्षेत्र शामिल हो सकते हैं जिसमें सांसद को चुनाव लड़ाया जाएगा। इसके अलावा इसके अलावा कुछ उम्र दराज विधायकों को इस बार मौका नहीं मिलने की भी संभावना है।
फिलहाल वसुंधरा राजे को किस तरह से समायोजित किया जाएगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इतना अवश्य स्पष्ट हो गया है कि सांसद दिया कुमारी को भाजपा की बड़ी नेता के रूप में सामने लाने की कोशिश चल रही है। जिसका मुख्य कारण है मोदी की 25 सितंबर की जयपुर में सभा। जिसका संचालन का जिम्मा दिया कुमारी के पास था। अगर देखा जाए तो पिछले तीन-चार विधानसभा चुनाव से मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में राजस्थान में वसुंधरा का नाम आगे रहा है लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के 25 सितंबर को जयपुर आगमन पर पूरी सभा में अधिकतर जिम्मेदारियां महिला नेताओं के पास थी लेकिन वसुंधरा राजे को बोलने तक का मौका नहीं मिला।
इस के अलावा सांसद रंजीता कोली, अलका गुजर को भी मुख्य भूमिका में लाया जा सकता है। हांलांकि आज वसुंधरा राजे अलवर जिले में भाजपा के एक कार्यक्रम में शामिल हुई थी।। अब देखने वाली बात ही होनी थी पहली सूची कब जारी होती है और उसमें कौन-कौन से नेता के समर्थकों के नाम सामने आते हैं।