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क्या विधायक भरत सिंह के निवास पर सीएम के पहुंचने से मंत्री प्रमोद जैन की शिकायतों का होगा पटापेक्ष!
पिछले पिछले लंबे समय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस जोश और उमंग के साथ में,बाल प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर अपनी योजनाओं से आम लोगों को रूबरू कराने में लगे हुए थे इसी के साथ इन्हीं दोनों के दौरान उन्होंने कई धार्मिक स्थान पर भी पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री गहलोत को लेकर इसी प्रकार की खबरें मीडिया में सुर्खियों में थी लेकिन अचानक पिछले 5 दिनों से अब मुख्यमंत्री को अपने मंत्री और विधायक के कोप भाजन का सामना करना पड़ रहा है।
तीन दिन पहले खेल मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री द्वारा चांदना को दी गई नसीहत का चांदना के यह यह कह कर जवाब दिया कि मुझे नहीं चाहिए मंत्री का पद आप ही रख लो ये पद। दरअसल चांदना अपने विधानसभा क्षेत्र में विद्युत सप्लाई की परेशानी को लेकर किसानों के हित में बूंदी में धरने पर बैठ गए थे। भले ही सरकार ने मंत्री के नाराज होने पर वहां के अधिशासी अभियंता को बदल दिया हो लेकिन जब जयपुर पीसीसी में मुख्यमंत्री का दो तो और चांदना आमना सामना होगा गहलोत ने चांदना के इस कृत्य पर मंत्री के लिए ये शोभा नही देता जैसी टिप्पणी कर डाली जिस पर चांदना ने तुरंत कह दिया की मंत्री रहते हैं उनकी कोई सुनवाई नहीं होती तो मंत्री का पद आप ले लीजिए।
लगभग 1 महीने पहले गहलोत मंत्री मंडल के ही मंत्री राजेंद्र गुड़ा द्वारा प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर उठाई गई सवाल के जवाब में गहलोत ने गुड़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करवा दिया लेकिन चांदना द्वारा मंत्री पद वापस लेने की बात कही जाने के बावजूद भी मुख्यमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे।। इसी तरह जब कांग्रेस के विधायक भारत सिंह कुंदनपुर द्वारा बार-बार खनन मंत्री प्रमोद जैन की मुख्यमंत्री को शिकायत कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो रुष्ट भारत सिंह ने मुख्यमंत्री के 12 सितंबर को कोटा आने पर मुर्दाबाद के नारे लगाने और विरोध करने की चेतावनी दे दी।
नतीजतन गहलोत ने 12 सितंबर को कोटा कार्यक्रम निरस्त करने की जानकारी मध्य रात्रि 2:15 बजे ट्वीट पर जारी की। जिसका कारण सिर्फ अपरिहार्य कारण बताया गया लेकिन असल कारण क्या था यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हां इतना जरूर है कि रुष्ट विधायक भरत सिंह गुर्जर की नाराजगी दूर करने के लिए उन्होंने 12 सितंबर को रात्रि में भगत सिंह के घर जाने का कार्यक्रम बनाया लेकिन भरत सिंह ने कल रात को ही सर्किट है उसमें पहुंचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ली। आज सुबह है जयपुर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भरत सिंह के निवास पर चाय पर पहुंचे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने गहलोत को अपने साथ कोटा के नए प्रस्तावित एयरपोर्ट की भूमि का अवलोकन करने जाते समय अपनी गाड़ी में बैठ कर ले गए।
प्रश्न यह उठता है कि क्या अब भरत सिंह प्रमोद जैन की शिकायतों से संतुष्ट हो गए हैं। कुल मिलाकर इन दोनों गहलोत को अपने ही मंत्री विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है देखने वाली बात यह होगी की भरत सिंह अब आगे क्या कदम उठाएंगे!