राजस्थान

जैसलमेर: वैज्ञानिकों को मिला 160 करोड़ साल पुराने शाकाहारी डायनासोर का जीवाश्म

Smriti Nigam
10 Aug 2023 4:20 PM IST
जैसलमेर: वैज्ञानिकों को मिला 160 करोड़ साल पुराने शाकाहारी डायनासोर का जीवाश्म
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वैज्ञानिकों की मानें तो करीब 16 करोड़ साल पहले कच्छ बेसिन क्षेत्र में डायनासोर अस्तित्व में थे।जीएसआई ने जीवाश्म की व्यवस्थित खोज व उत्खनन के लिए 2018 में कार्यक्रम शुरू किया था।

वैज्ञानिकों की मानें तो करीब 16 करोड़ साल पहले कच्छ बेसिन क्षेत्र में डायनासोर अस्तित्व में थे।जीएसआई ने जीवाश्म की व्यवस्थित खोज व उत्खनन के लिए 2018 में कार्यक्रम शुरू किया था। इसी के तहत थारोसोरस के जीवाश्म जीएसआई के अधिकारी देबाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्णा घोष ने जैसलमेर से संग्रह किए थे।

आईआईटी रूड़की और जीएआई के वैज्ञानिकों को जैसलमेर से 20 किमी दूर जेठवाई क्षेत्र में एक स्थान पर शाकाहारी डायनासोर के जीवाश्म मिले हैं. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह जीवाश्म करीब 16 करोड़ साल पुराना है।

वैज्ञानिकों की मानें तो करीब 16 करोड़ साल पहले कच्छ बेसिन क्षेत्र में डायनासोर अस्तित्व में थे।

थार रेगिस्तान में मिले इस जीवाश्म को वैज्ञानिकों ने भारत के थार के डायनासोर का नाम दिया है। इससे पहले 2014 और 2016 में वैज्ञानिकों ने जैसलमेर के जेठवाई इलाके में ऐसे ही डायनासोर के जीवाश्म खोजे थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक, जैसलमेर का यह इलाका डायनासोर पहुंच वाला इलाका हो सकता है।

मिल रहे जीवाश्मों के अवशेषों को देखकर डायनासोर की इन प्रजातियों का रंग भूरा था, वे छोटे शुतुरमुर्ग जैसे दिखते थे।

भारत ने चीन को पीछे छोड़ा

जीएसआई के वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत में पहली बार इस प्रजाति का डायनासोर पाया गया है. यह लगभग 40 फीट लंबा होता था। उनकी गर्दन और पूँछ छोटी थीं। भारत में इससे पहले कभी भी डायनासोर की शाकाहारी प्रजाति नहीं पाई गई थी। इससे पहले चीन में पाया गया डाइक्रोसॉरिड जीवाश्म सबसे पुराना माना जाता था। भारत में हुई इस ताज़ा खोज ने चीन में पाए जाने वाले डायनासोर के जीवाश्म को 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है.

महत्वपूर्ण है यह खोज

थारोसोरस के रूप में भारत में पहली बार एक डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड मिला है। यह करीब 40 फीट लंबे होते थे, उनकी गर्दन और पूंछ छोटी होती थी। डायनासोर का परिवार डिप्लोडोसॉइड नामक एक विस्तृत डायनासोर प्रजाति में आता है। भारत में इससे पहले किसी डिप्लोडोसॉइड का जीवाश्म नहीं मिला था। थारोसोरस से पहले चीन में मिले डाईक्रेओसोराइड के जीवाश्म को सबसे प्राचीन समझा जाता था। वह 16.6 करोड़ से 16.4 करोड़ वर्ष पुराना था। भारत में हुई ताजा खोज ने चीन के जीवाश्म को 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है।

डिप्लोडोसॉइड डायनासोर की उत्पत्ति का केंद्र भारत

मध्य भारत में इससे भी प्राचीन सोरोपॉड्स बारापासोरस और कोटासोरस मिले हैं। उनका समय 19.9 करोड़ से 18.3 करोड़ वर्ष पूर्व का माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन सभी खोजों को जोड़ कर देखें तो पुख्ता संकेत मिलते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप डिप्लोडोसॉइड डायनोसोरों की उत्पत्ति और क्रमिक-विकास का केंद्र था।

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