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आसाराम की हनीप्रीत शिल्पी की जमानत मंजूर, 20 साल की सजा स्थगित !
जोधपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने आत्मनिर्भर देवता बापू आसाराम के सहयोगी शिल्पी को जमानत दे दी है. उसकी सजा को स्थगित कर दिया गया है. जोधपुर कोर्ट ने पहले उसे मामूली लड़की से बलात्कार में आसाराम की मदद करने के लिए आरोप में 20 साल की सजा सुनाई थी.
शिल्पी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन थी. कॉल डिटेल्स में सामने आया कि शिल्पी, आसाराम के और पीड़िता के परिवार से संपर्क में लगातार थी. लड़की के बलात्कार से एक हफ्ते पहले आसाराम और शिल्पी के बीच होने वाली बातचीत का सिलसिला बढ़ गया था. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि शिल्पी ब्रेनवॉश करके लड़कियों को आश्रम भेजती थी.
यह भी कहा गया कि शिल्पी और आश्रम का मध्यस्थ शिवा उस दिन आश्रम में ही था, जब बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ. तो शिल्पी कौन है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसका असली नाम संचिता है और उसका पूरा परिवार आश्रम में सेवा करता था. वे ही उसे आसाराम के आश्रम ले जाते थे. साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री ले चुकी शिल्पी 2005 में अहमदाबाद आश्रम में शामिल हुई थी. 2012 में उसने अपने परिजनों से कहा था कि उसे आश्रम का जीवन अच्छा लग रहा है. सरेंडर के दौरान चर्चा यह भी थी कि शिल्पी आसाराम की बेटी है. हालांकि, इसकी पुष्टि कभी नहीं हो सकी.