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फलोदी (जोधपुर) क्षेत्र से टिकट से पहले… यहां से हर कोई भाग्य आजमाना चाहता है कांग्रेस के 52 दावेदार तो भाजपा में भी लंबी कतार
अरविन्द चोटिया। रात के साढ़े ग्यारह बज रहे हैं और फलोदी के जग प्रसिद्ध सट्टा मार्केट में भारी हलचल है। चर्चा कांग्रेस और बीजेपी के टिकटों को लेकर ही है। कांग्रेस यहां आखिरी बार 2008 में जीती थी। तब पब्बाराम बिश्नोई को हराकर ओम जोशी यहां से विधायक बने थे।
अगले चुनाव में पब्बाराम बिश्नोई ने ओम जोशी को हराकर हिसाब बराबर कर लिया। 2018 में कांग्रेस ने यहां बीजेपी के पब्बाराम बिश्नोई के सामने महेश व्यास को उतारा। लेकिन कांग्रेस की लहर में भी पब्बाराम ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा। इस चुनाव में निर्दलीय कुंभसिंह पातावत 48 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
अब टिकट के मैदान में फिर जंग जारी है। बीजेपी से सीधे-सरल शिक्षक पब्बाराम बिश्नोई लगातार जीत के चलते तगड़ी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन संघ पृष्ठभूमि के एक जेईएन पूनमचंद बिश्नोई और भारतीय राजस्व सेवा के एक युवा अधिकारी अशोक गोदारा भी क्षेत्र में सक्रिय हैं। अशोक गोदारा ने समाजसेवा के कुछ प्रोजेक्ट शुरू कर काफी पहले से अपनी उपस्थिति दिखानी शुरू कर दी थी। इनके अलावा रावल जाणी, पूर्व प्रधान अभिषेक भादू, एसजीएसटी कमिश्नर दिनेश तूंगा भी दौड़ में हैं। बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वे कुलदीप बिश्नोई के करीबी हैं। कांग्रेस के दावेदारों की आधिकारिक संख्या 52 है। फलोदी जिला घोषित होने से यहां कांग्रेस को उम्मीद ज्यादा है। इसलिए भी हो सकता है दावेदारों की संख्या ज्यादा है। यहां से पिछले चुनाव में हारे हुए महेश व्यास दावेदार हैं ही, उनसे पिछले चुनाव में हारे हुए पूर्व विधायक ओम जोशी भी दौड़ में बने हुए हैं।
तीसरे दावेदार प्रकाश छंगाणी का नाम बताते हुए लोग यह भी बताते हैं कि उनके पिता दीपचंद छंगाणी और चाचा मोहन छंगाणी यहां से विधायक रहे हैं जबकि उनकी माताजी भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। फलोदी से तीन बार विधायक रहे पूनमचंद बिश्ननोई की बेटी विभा और पप्पूराम डारा भी दौड़ में हैं।
कुछ दूसरे विधानसभा क्षेत्रों से यहां प्रत्याशी भेजने की चर्चा भी चल रही है। ये हैं लोहावट विधायक किसनाराम बिश्नोई और लूणी विधायक महेंद्र बिश्नोई। दोनों ही कांग्रेस से हैं लेकिन जानकार बताते हैं कि इसकी संभावना कम है।