राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और गुजरात राज्य के प्रभारी अशोक गहलौत ने आरएसएस को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि राज्य और केंद्र में एक समानांतर दो सरकारें चल रही है. हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सारे मंत्रालयों ने ब्यूरोकेट्स के साथ-साथ एक आदमी आरएसएस का बैठा दिया गया हैं.
मंगलवार को राज्य के जैसलमेर जिले के प्रवास के दौरान अशोक गहलौत ने कहा कि आरएसएस सरकार के काम में दखल दे रहा है और पूरी सरकार को चला रहा है. यह देश डेमोक्रेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं. उन्होंने सीमाओं पर पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हो रहे सैनिकों, जवानों, अधिकारियों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इसे रोकने के लिए जो भी कदम उठाने चाहिए, उन्हें उठाया जाना चाहिए. हालांकि ऐसा नहीं हो रहा है. मोदी सरकार सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक का ढोल पीटकर चुपचाप बैठी है.
अशोक गहलौत ने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति नफरत और घृणा की राजनीति बंद कर दे. इसमें अपना समय बर्बाद न करे और देश के सैनिकों को सीमाओं पर सुरक्षित रखने की दिशा में कदम उठाए. वे देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो आजादी के बाद बगैर न्यौते के पाकिस्तान गए और वहां के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की परिवार की शादी में शामिल हुए. साथ ही उनको गिफ्ट भी दिया. इन सबके बावजूद पाकिस्तान से रिश्ते सुधरने की बजाय और बिगड़ गए.
उन्होंने कहा कि देश के जवानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, जो सैनिक विपरीत परिस्थितियों में अपने परिवारों से दूर रहकर देश की सेवा कर रहा है, उनके प्रति सरकार की गंभीरता में कमी दिखाई दे रही है. जम्मू-कश्मीर में भारत पाकिस्तान की सीमा पर पाकिस्तानी फायरिंग में हमारे जवान अधिकारी शहीद हो रहे हैं. सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. यह देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी हैं कि वो देश के जवानों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं. उनको इस समस्या का सर्वमान्य हल ढूंढ़ा जाना चाहिए.