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जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव, ईंट-पत्थर से हमला, कई दुकानें फूंकी, भारी पुलिसबल की तैनाती
राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) जिले में शुक्रवार रात दो समुदाय के लोग आपस में भीड़ गए और उन्होंने एक दूसरे पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. इस दौरान कई दुकानें व गाड़ियां फूंक दी गईं. जब पुलिस उन्हें रोकने के लिए वहां पहुंची तो उपद्रवियों ने पेट्रोल बम से उन पर भी हमला कर दिया. इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर बुलाकर हालात पर काबू पाया गया. हालांकि अभी भी पूरे इलाके में सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) बना हुआ है, जिस कारण चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
धार्मिक इमारत में गेट खोलने पर विवाद
बताया जा रहा है कि सूरसागर क्षेत्र के व्यापारियों का मोहल्ला में दो पक्षों में लंबे समय से आपसी विवाद चल रहा था. दो-तीन दिन पहले भी नाबालिग बच्चों झगड़ा हुआ था, जिसके बाद दोनों पक्षों ने थाने में परस्पर मुकदमा दर्ज करवाया था. हालांकि पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. इसी बीच शुक्रवार को एक पक्ष के लोग धार्मिक इमारत की दीवार में गेट खोलने लगे, जिसका दूसरे पक्ष के लोगों ने विरोध किया. यही विवाद देर रात तक इतना बढ़ गया कि वहां पत्थरबाजी और आगजनी शुरू हो गई, जिसके बाद पुलिस को भारी पुलिस जाप्ते के साथ वहां पहुंचना पड़ा.
पुलिस के वहां पहुंचते ही सभी असामाजिक तत्व घरों में घुस गए. इसका फायदा उठाकर सबसे पहले पुलिस ने दमकल वाहनों को बुलाकर आग पर काबू पाया. इसके बाद पुलिस ने पथराव करने वाले लोगों को घरों से निकालना शुरू कर दिया. पुलिस के इसी एक्शन के कारण वहां दोबारा पथराव शुरू हो गया. लोग पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने लगते हुए पुलिसकर्मियों पर ही पथराव करने लगे. काफी देर तक यही स्थिति बरकरार रही. इस कारण पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और कुछ जगहों पर हल्के बल का प्रयोग करके लाठीचार्ज भी करना पड़ा. तब जाकर वहां स्थिति काबू में आई और एक-एक करके संदिग्धों को पकड़कर पुलिस ने थाने भेज दिया.
घटना की जानकारी के बाद पुलिस कमिश्नर राजेन्द्र सिंह, डीसीपी ईस्ट (जिनके पास वेस्ट का भी चार्ज है) आलोक श्रीवास्तव, डीसीपी हेडक्वार्टर शरद चौधरी भी मौके पर पहुंचे. पुलिस के अधिकारियों के साथ भारी पुलिस जाप्ता, आरएसी, एसटीएफ की टीम, दमकल वाहन मौके पर पहुंचे. इसी दौरान सूरसागर विधायक देवेन्द्र जोशी, शहर विधायक अतुल भंसाली भी मौके पर पहुंचे और मौके की स्थिती से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अवगत करवाया. विधायक जोशी ने कहा, 'शाम को भी विवाद हुआ था. उसके बाद शांति हो गई. लेकिन देर शाम को फिर से धार्मिक इमारत की दीवार से गेट को लेकर मामला बढ़ गया और पथराव की घटना हुई. प्रदेश में किशनगढ़, पाली के बाद अब जोधपुर, इस तरह की घटनाएं देखकर लगता है कि लोग भजनलाल शर्मा की सरकार को पचा नहीं पा रहे हैं. यह साजिश लगती है. पुलिस को ऐसे लोग जो धार्मिक भावना को भड़का रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.'
पथराव रुकने के बाद पुलिस ने करीब 4 घंटे तक पूरे क्षेत्र में गश्त कर शांति बनाने का प्रयास किया. हालांकि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है. तीन दिन से नाबालिग बच्चों को झगड़ा चल रहा था, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से परस्पर मुकदमा दर्ज करवाया गया. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. ऐसे में बच्चों के झगड़े की आड़ में धार्मिक इमारत में दीवार व गेट का विवाद शुरू हो गया. उसी का नतीजा रहा कि वहां हिंसा भड़की. अगर पुलिस उस विवाद को हल्के में लेने की बजाय कार्रवाई करती तो देर रात को जो मंजर देखने को मिला वो नहीं मिलता. इस घटना में कुछ लोगों को जहां चोट आने की सूचना है, वहीं पुलिस के निरीक्षक नितिन दवे के भी घायल हुए हैं. पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं एक युवक पुलिस के डर से ऊपर से नीचे कूदते वक्त घायल हो गया, जिसे अस्पताल भेजा गया है.